नई दिल्ली:भारतीय टेस्ट क्रिकेट के स्टार बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को अक्सर अपने स्लो स्ट्राइक रेट को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है। मौजूदा समय में वो भले ही टीम इंडिया के सबसे सफल टेस्ट बल्लेबाजों में शामिल हैं, लेकिन फिर भी धीमे गति से रन बनाने के लिए वो कई बार सवालों के घेरे में आ चुके हैं। अपने स्लो स्ट्राइक रेट को लेकर पुजारा ने कहा कि वो वीरेंद्र सहवाग या डेविड वॉर्नर नहीं बन सकते हैं। सहवाग और वॉर्नर टेस्ट क्रिकेट में भी तेजी से रन बनाने के लिए मशहूर हैं।
पुजारा ने हाल में रणजी ट्रॉफी फाइनल मैच में सौराष्ट्र की ओर से 237 गेंद पर 66 रनों की पारी खेली थी। पुजारा का कहना है कि वो धीमी बल्लेबाजी को लेकर तनाव नहीं लेते हैं क्योंकि उन्हें अपनी बैटिंग स्टाइल के बारे में पता है और साथ ही टीम मैनेजमेंट भी इस बात को समझता है। पुजारा ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि इस बारे में ज्यादा कुछ बात करने के लिए है। मीडिया में इस बात को अलग तरह से पेश किया जाता है, लेकिन टीम मैनेजमेंट में पूरा समर्थन देता है। मेरे ऊपर कप्तान (विराट कोहली), कोच (रवि शास्त्री) की ओर से भी कोई दबाव नहीं है।’
‘टीम मैनेजमेंट को मेरी बैटिंग स्टाइल पता है’
न्यूजीलैंड में पहले टेस्ट मैच में पुजारा ने काफी गेंद खेली थी, लेकिन बड़ी पारी खेले बिना ही आउट होकर पवेलियन लौटे थे, जिसके बाद कप्तान विराट ने उनका नाम लिए बिना कहा था कि बाहर टेस्ट मैचों में डिफेंसिव नहीं अटैकिंग बल्लेबाजी करनी चाहिए। उन्होंने इस इंटरव्यू में कहा, ‘मैं इस बात को साफ करना चाहता हूं कि जब भी स्ट्राइक रेट की बात होती है, लोग टीम मैनेजमेंट की ओर इशारा करने लगते हैं, लेकिन आपको बता दूं कि मेरे ऊपर टीम मैनेजमेंट की ओर से कोई दबाव नहीं है। टीम मैनेजमेंट को मेरी बैटिंग स्टाइल पता है और वो ही मेरे लिए अहम है।’
‘मैं वॉर्नर या सहवाग नहीं बन सकता’
सोशल मीडिया पर चेतेश्वर पुजारा से लोगों ने रणजी ट्रॉफी फाइनल के दौरान पूछा था कि क्यों मैं 10 रन बनाने के लिए इतना समय लेता हूं। जब इसको लेकर पुजारा से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘लोगों की आदत होती है कि वो एक आदमी के पीछे पड़ जाते हैं, लेकिन यह सिर्फ मेरी बात नहीं है, लेकिन अगर आप बाकी टेस्ट सीरीज देखें, जिसमें मैंने रन बनाए हों, जितना समय मैंने लिया है, उतना ही समय विरोधी टीम के बल्लेबाजों ने भी लिया है।’ पुजारा ने कहा, ‘मुझे पता है कि मैं डेविड वॉर्नर या वीरेंद्र सहवाग नहीं बन सकता हूं, लेकिन अगर एक सामान्य बल्लेबाज क्रीज पर टिकने में समय ले रहा हो तो इसमें कोई बुराई नहीं है।’