पंकज श्रीवास्तव/पटना। 2015 का चुनावी साल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे के पाँच साल के लिए 2.70 लाख करोड़ की योजनाएं परोसी थी। इसे ‘नीतीश निश्चय: विकास की गारंटी, विकसित बिहार के सात सूत्र’ नाम दिया गया है। जो फिलहाल तो कोरा दावा ही साबित हो रहा है। चुनाव सर पर है, और नीतीश कुमार के दावे का दम निकल रहा है, जनता बेहाल पहले भी थी और अब भी है। पटना के कई क्षेत्र उनके इस नाकामी की गवाही दे रहे हैं।
वैसे तो इस योजना के सभी 7 निश्चय बिहार विकास के लिए बेहद मायने रखता था। जिसमें दो प्रमुख बातों का उल्लेख यहाँ जरुरी है। हर घर तक स्वच्छ पानी पहुंचाना एंव हर गाँव को पक्की सड़क से जोड़ना। बहरहाल एक बार फिर बिहार के लिए ये बर्ष चुनावी हैं क्योकि इसी साल अक्टूबर नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। पिछले 5 सालों के कार्यकाल में नीतीश का निश्चय कहाँ तक पूरा हुआ इसे देखने के लिए सूबे के सुदूर देहतों में जाने की जरूर नहीं है। राजधानी पटना के वार्ड संख्या 1 में देखा जा सकता है। दीघा विधानसभा क्षेत्र से आने वाले इस वार्ड में रेलवे काँलनी, माईका काँलनी, अवधपुरी काँलनी एवं यदुवंशी नगर जैसे विकसित और अद्ध विकसित काँलनियों का जाल फैला है। यहाँ हर जाति धर्म के लोगों के लोग बसते हैं। विशेषकर ईसाई धर्म के लोगों की तादाद अच्छी खासी है। इस धर्म के लोगों का जुड़ाव शिक्षा-चिकित्सा से ज्यादा है तो यहां स्कूल काँलेज एंव तमाम तकनीकी शैक्षणिक संस्थानों की भी भरमार है। नतीजा सूबे के अन्य हिस्से से छात्रों का जमाव भी यहाँ रहता है। बावजूद इसके यहाँ न तो कायदे की सड़क है न सिवरेज पूरा इलाका नर्क में तब्दील है। न जन प्रतिनिधि सुनने को तैयार न सरकार। लोगों का आक्रोश अब अपने चरम पर है।
पटना सिविल कोर्ट के अधिवक्ता सुनील कुमार सिंह के नेतृत्व में यहाँ के तकरीबन 57 लोगों ने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपनी दर्द से अवगत कराया। हैरत देखिये अब ये पत्र ‘ बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम ‘ के फाइलों में खो गया है। वैसे परिवाद की सुनवाई और निवारण के लिए 3 मार्च 2020 को 11 बजे समय दिया गया था बावजूद इसके यहाँ से अगली तारीख मुकरर कर दिया गया। सवाल है उस वक्त नीतीश ने कहा था या मजाक किया था?- ’यह सब मैंने व्यक्तिगत चिंतन के आधार पर तय किया है। लोगों ने मौका दिया तो मैं इसे पूरा करूंगा। मैं जो कहता हूं, सो करता हूं। सिर्फ बोलने के लिए नहीं बोलता हूं।’
नीतीश के ‘निश्चय’ की पोल खोल रहा है पटना का यह इलाका
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