लंबे समय तक मोबाइल फोन के इस्तेमाल से और उसकी रेडिएशन से कई तरह की खतरनाक बीमारियां होती हैं, ऐसी स्टडी कई बार सामने आई है. लेकिन आईसीएमआर की ये नई स्टडी आपको चौंका देगी. जी हां, आईसीएमआर और एम्स मिलकर मोबाइल फोन इस्तेमाल के नुकसान पर रिसर्च कर रहे हैं. इस रिसर्च के शुरुआती फेज में ये पता चला है कि मोबाइल फोन के ज्यादा देर इस्तेमाल से इंसान के अंदर जैविक बदलाव हो सकते हैं. ये बहुत बड़ा खुलासा है. हालांकि ये स्टडी अभी पूरी नहीं हुई है. लेकिन आने वाले कुछ सालों में लोगों के अंदर बायोलॉजिकल बदलाव नजर आएंगे.
एम्स और आईसीएमआर साथ मिलकर दिल्ली एनसीआर में एक स्टडी चला रहा है. ये स्टडी 2013 में शुरू हुई थी और 2018 में इसे पूरा होनी थी, लेकिन इसका दायरा इतना बड़ा है कि इसे पूरा होने में 3 से चार साल का और वक्त लगेगा. 4500 लोगों पर ये रिसर्च की जा रही है.
शुरुआती शोध में ही ये सामने आया है कि मोबाइल फोन के ज्यादा इस्तेमाल से इंसान में बायोलॉजिकल बदलाव आ सकते हैं. एम्स के डॉक्टर जो इस रिसर्च से जुड़े हुए हैं उन्होंने साफ बताया कि ये बदलाव केवल सुनने और ध्यान देने की क्षमता में नहीं बल्कि खून और हॉरमोन में भी बदलाव ला सकते हैँ. उन्होंने बताया कि जो लोग आधे घंटे फोन यूज करते हैं और जो लोग 3-4 घंटे करते हैं और जो इससे ज्यादा करते हैं ऐसी तीन कैटेगरी के लोगों में रिसर्च हो रही है. सबसे बड़ा बदलाव जो आने वाले सालों में लोगों के अंदर दिखेगा कि उनके प्रजनन क्षमता में कमी आ गई है.
मोबाइल के अधिक इस्तेमाल से हो सकती हैं कई खतरनाक बीमारियां
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