जल्द ही रंगों का त्योहार होली दस्तक देने वाला है। ऐसे में अभी से लोगों ने रंग-बिरंगे रंगों, गुब्बारों के साथ गुझिया और मिठाईयां बनाने के लिए बाजार से मावा खरीदना शुरू कर दिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं आपके त्योहार के रंग को फीका करने के लिए मिलावटखोर भी सक्रिय हो चुके हैं।
मिलावटी मावे से बनी मिठाई आपकी सेहत खराब करने के लिए काफी है। एफएसडीए की जांच रिपोर्ट में हुए खुलासे में पता चला है कि बाजार में बिक रहा दूध और दुग्ध उत्पाद मानकों पर खरे नहीं उतर रहे हैं। एक अप्रैल 2019 से जनवरी 2020 तक दूध, खोया, पनीर, दही व दही के लिए गए नमूनों में से 50 फीसदी नमूने प्रयोगशाला की जांच में फेल हो गए हैं।
गौरतलब है कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की टीम ने पिछले साल अप्रैल से लेकर जनवरी 2020 तक यानी 10 माह में दूध, खोया, पनीर, दही व घी के 245 नमूने लिए थे। जिसमें से लगभग 120 नमूनों की रिपोर्ट में से 67 नमूने फेल हो गए हैं। ऐसे में आपको नकली मावे के धोखे से बचाने के लिए बताते हैं आखिर कैसे खोया खरीदते समय आप असली और नकली माले में फर्क पहचान सकती हैं।
नकली मावा-खोया की ऐसे करें पहचान-
1-मावा या खोया को अपने अंगूठे के नाखून पर रगड़ें, अगर यह असली है तो इसमें से घी की महक आएगी और खुशबू देर तक रहेगी।
2-थोड़ा मावा खाकर देखिए असली मुंह में नहीं चिपकेगा नकली मावा चिपक जाएगा।
3-मावे में थोड़ी चीनी डालकर गरम करें। अगर यह पानी छोड़ने लगे तो नकली है।
4- दो ग्राम मावा को पांच मिलीमीटर गरम पानी में घोल लें और इसे ठंडा होने दें। ठंडा होने के बाद इसमें आयोडीन सोलूशन डालें। अगर खोया नकली होगा तो रंग नीला हो जाएगा।
5-हथेली पर खोया की गोली बनाएं। अगर यह फटने लग जाए तो मावा नकली है।