नई दिल्ली:नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दिल्ली के उत्तर पूर्वी दिल्ली के इलाकों में हुए हिंसक प्रदर्शन के बीच मंगलवार की देर रात जामिया मिलिया इस्लामिया के स्टूडेंट्स और कुछ पूर्व छात्रों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर का घेराव किया। देर रात मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे करीब 30 छात्रों को सिविल लाइन्स पुलिस स्टेशन में हिरासत में लिया गया। दरअसल, ये लोग दिल्ली हिंसा में सख्त कार्रवाई और शांति बहाल करने की मांग कर रहे थे। इन छात्रों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया।
अरविंद केजरीवाल के घर के घेराव करने का आह्वान जामिया मिलिया इस्लामिया अलुमिनी एसोसिएशन और जामिया को-ऑर्डिनेशन कमेटी ने किया था। बुधवार तड़के करीब 3.30 बजे सीएम आवास के बाहर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया। यह जानकारी आंदोलन में शामिल एक छात्र ने दी।
जेसीसी यानी जामिया को-ऑर्डिनेशन कमेटी ने एक बयान में कहा है कि अब तक वकीलों को हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों से मिलने की अनुमति नहीं मिली है। पुलिस उन्हें रिहा नहीं कर रही है। उन पर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया और फिर उनकी पिटाई की गई। उनके फोन स्विच ऑफ हैं। हम छात्रों और पूर्व छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के बारे में चिंतित हैं, जिन्हें सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में हिरासत में रखा गया है।
दरअसल, मंगलवार की देर रात केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शनकारी छात्र इकट्ठा होकर दिल्ली में हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस दौरान उन लोगों ने नारे भी लगाए। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में प्रभावित क्षेत्रों में हिंसा के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील करते हुए प्रदर्शनकारियों ने केजरीवाल से स्थानीय विधायकों के साथ व्यक्तिगत रूप से हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने और तनाव को कम करने के लिए शांति मार्च आयोजित करने को कहा।
उन्होंने मुख्यमंत्री से दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में नागरिकों को सूचित करने और सभी बचाव कार्यों को प्रभावित क्षेत्रों से अस्पतालों तक पहुंचने की अनुमति देने का भी आग्रह किया। बता दें कि दिल्ली हिंसा में अब तक 13 लोगों की मौत हो गई है और करीब 250 से अधिक लोग घायल हो गए हैं, जिनमें 56 पुलिसकर्मी शामिल हैं।