नई दिल्ली:दिल्ली के नॉर्थ ईस्ट जिले के कई इलाकों में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जारी हिंसा के बीच भारतीय जनता पार्टी के सांसद और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर की प्रतिक्रिया आई है। गौतम गंभीर ने कहा कि कपिल मिश्रा हों या किसी भी पार्टी के नेता, जिन्होंने भड़काने वाला भाषण दिया है, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। दरअसल, दिल्ली के जाफराबाद-मौजपुर के इलाकों में सोमवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का समर्थन करने वाले और विरोध करने वाले समूहों के बीच संघर्ष हुआ, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई है।
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में गौतम गंभीर ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह इंसान कौन है, चाहे वह कपिल मिश्रा हो या कोई भी, किसी भी पार्टी से संबंधित हो, अगर उसने कोई भड़काऊ भाषण दिया है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.
गौतम गंभीर ने आगे कहा कि मैं यह कभी बर्दास्त नहीं करूंगा कि लोगों को उकसाने के लिए भाषण दिए जाएं। यहा कोई अपना-पराया नहीं है, आप किसे उकसा रहे हैं? हमें स्थिति को संभालने की जरूरत है। अगर आप वर्दी वाले लोगों के साथ ऐसा बर्ताव करेंगे तो फिर आम आदमी खुद को कैसे सुरक्षित महसूस करेगा? जिन लोगों ने यह किया है उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
कपिल मिश्रा ने क्या कहा था
कपिल मिश्रा ने पुलिस को अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने कहा था हम ट्रंप (अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप) के यहां रहने तक इंतजार करेंगे। अगर रास्ता साफ नहीं किया जाता है तो फिर आम आपकी (पुलिस) भी नहीं सुनेंगे। हम आपसे (पुलिस) यह अपील करते हैं कि ट्रंप के जाने तक जाफराबाद और चांदबाग को खाली करा दें। अगर नहीं तो हमें गलियों में उतरना पड़ेगा
क्या हुआ था रविवार को
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बड़ी संख्या में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने रविवार को सड़क अवरुद्ध कर दी थी जिसके बाद जाफराबाद में सीएए के समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़प शुरू हो गई थी। दिल्ली के कई अन्य इलाकों में भी ऐसे ही धरने शुरू हो गए। मौजपुर में भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने एक सभा बुलाई थी जिसमें मांग की गई थी कि पुलिस तीन दिन के भीतर सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को हटाए। इसके तुरंत बाद दो समूहों के सदस्यों ने एक-दूसरे पर पथराव किया, जिसके चलते पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
नॉर्थ ईस्ट दिल्ली हिंसा पर कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में सीएए को लेकर हाल ही में हुई हिंसा के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग करने वाली पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) वजाहत हबीबुल्ला और अन्य की याचिका पर सुनवाई करने पर मंगलवार को तैयार हो गया। न्यायमूर्ति एस. के. कौल और न्यायमूर्ति के. एम. जोसफ की एक पीठ के समक्ष याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था। पीठ बुधवार को इस पर सुनवाई करने को तैयार हो गया।
हबीबुल्ला, भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद और सामाजिक कार्यकर्ता बहादूर अब्बास नकवी ने यह याचिका दायर की है। इसमें सीएए को लेकर शाहीन बाग और राष्ट्रीय राजधानी के अन्य हिस्सों में जारी धरनों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने की मांग भी की गई है।
दिल्ली हिंसा पर बोले गौतम गंभीर: भड़काऊ भाषण देने वालों पर हो सख्त कार्रवाई, चाहे वह कपिल मिश्रा क्यों न हों
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