मुंबई। अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशानुसार स्वास्थ्य शिखर तक का तीसरा पड़ाव मेरा परिवार मेरा संसार की कार्यशाला शासन श्री साध्वी कैलाशवती जी के सानिध्य में रखी गई ।कार्यक्रम की शुरुआत नमस्कार महामंत्र और महिला मंडल द्वारा मंगलाचरण से हुई साध्वी श्री कैलाशवती जी ने कहा हमें परिवार मै एक दूसरे को समझने की आवश्यकता होती है । परिवार में भजन और भोजन एक साथ होना चाहिए।
साध्वी पंकज श्री जी ने कहा आपस मै रहना है तो प्रेम के साथ रहना, जीना है तो वात्सल्य और शांति और आनंद के साथ जीना ।सहिशुंता सुखी जीवन का मंत्र है रहना सीखो सहना सीखो। साध्वी शारदा प्रभा जी ने परिवार की भाषा देते हुए कहा हमें कैसे एक साथ रहना चाहिए उन्हें विस्तार से विचार रखे p- पल पल साथ में रहना।
र- रीति-रिवाजों को निभाना
व- वाद-विवाद तो होते रहेंगे ओल्ड को गोल्ड मा न कर चले तो स्वर्ग आपके पास होगा
र- रहना अगर प्यार से सही जिंदगी ही असली प्यार है ।
साध्वी सम्यक्तव्यशा जी ने कहा शरीर चलता है श्वास और परिवार चलता है विश्वास से। जब कांच का शीशा टूटता है तो गलती से टूटता है और रिश्ता टूटता है तो गलतफहमियों से कन्हैयालाल जी मेहता और मांगीलाल जी सामर ने अपने विचार व्यक्त किए। साध्वी श्री पंकज श्री जी ने बहुत ही सुंदर रोचक आध्यात्मिक गेम्स खिलाए। जिसमें प्रथम बेस्ट फैमिली कांता अंबालाल जी कोठारी और मीना सुशील जी सोनी रहे। आज की कार्यशाला में सभी परिवार की उपस्थिति रही।
प्रतियोगियों का सम्मान तेयूप के अध्यक्ष अविलेश जी डांगी मंत्री सुनील जी कोठारी कोषाध्यक्ष शैलेश जी दुग्गड संयोजिका सीमा सोनी संयोजिका सरिता ढालावत तरुणा कोठारी ने किया।
सायन-कोलीवाड़ा में “मेरा परिवार मेरा संसार” कार्यशाला का आयोजन
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