मोदी के नेतृत्व में 2030 तक देश बनेगा आर्थिक महाशक्तिः भलावत
मुंबई। गणतंत्र दिवस के मौके पर नवगठित संस्था ‘नयी उड़ान’ द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘एक शाम गणतंत्र के नाम’ नामक कवि सम्मेलन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में महाराष्ट्र पूर्व मुख्यमंत्री व विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस तथा विशिष्ट अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा दक्षिण मुंबई के शिवसेना सांसद अरविंद सावंत के अलावा मुंबई सहित आसपास के उपनगरों से बड़ी संख्या में लोगों ने उपस्थिति दर्ज कराई। इस मौके पर देश के जाने-माने कवियों की राष्ट्रभक्ति से सराबोर कविताओं ने सभी में जोश का संचार कर दिया। कार्यक्रम में उपस्थित अपार जन समुदाय को संबोधित करते हुए ‘नयी उड़ान’ के संस्थापक अध्यक्ष बी.सी. भलावत ने कहा कि देश सही दिशा में आगे बढ़ रहा है तथा इस समय जो आर्थिक उठापटक दिख रही है, वह भविष्य के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। जिसका सबसे बढ़िया असर 2030 तक देखने को मिलेगा।
आमंत्रित कवियों में हरिओम पंवार, गजेंद्र सोलंकी, बाबा सत्यनारायण मौर्या, मनवीर मधुर तथा एक महिला कवियित्री ने कविता पाठ के जरिए राष्ट्रवाद पर कविताएं पढ़ीं जबकि कार्यक्रम का संचालन प्रसिद्ध मंच संचालक ओम आचार्य (फालना) ने किया। मंच पर सुखराज नाहर, राकेश कठौतिया, प्रकाश कानूंगो तथा रमेश धाकड़ के अलावा मुंबई भाजपा अध्यक्ष मंगल प्रभात लोढ़ा, प्रवीण दरेकर, राज के पुरोहित खास तौर पर मौजूद रहे। इनके अलावा सम्मानीय अतिथि के रूप में कनकराज लोढ़ा, पन्नालाल राणावत, प्रदीप राठौड़, पृथ्वीराज कोठारी, एसपी जैन, बाबूलाल बोहरा, चंद्रशेखर पालीवाल, प्रकाश बी. जैन, संजय डांगी, जयंती भाई, मेघराज धाकड़, हरीश एम. जैन, विनोद जैन वडाला, सम्पत चपलोत, विशेष अतिथि ख्यालीलाल तातेड़, डा. सी.एल. चौहान, किशोर खाबिया, रजनीश मेहता, शांतिलाल कोठारी, हस्तीमल जैन, रोशनलाल कोठारी, भंवरलाल कर्णावट आदि लोगों की विशेष उपस्थिति रही।
इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए राज्य़ के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कवियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की और कहा कि ये हमारे राष्ट्रकवि हैं, जिन्हें पूरा देश सुनता है तथा ये देश की जनता में राष्ट्रवाद की अलख जगाते हैं। गणतंत्र दिवस के मौके पर फडणवीस ने उपस्थित लोगों को शुभकामनाएं दीं तथा आयोजकों का आभार व्यक्त किया।
‘नयी उड़ान’ द्वारा आयोजित यह शानदार कवि सम्मेलन यादगार रहा है, जिसमें कवियों ने अपनी प्रस्तुति से उपस्थित श्रोताओं ने ‘भारत माता की जय’ व तालियों की गड़गड़ाहट से पूरे आजाद मैदान को गुंजायमान कर दिया। बाबा सत्यनारायण मौर्य की कविताओं ने लोगों को तालियों के साथ ही जबरदस्त ठहाके लगाने को मजबूर कर दिया तो हरिओम पंवार को लोगों ने बड़ी ही शिद्दत सुना और खूब तालियां बजाई। बाकी कवियों की कविताओं को श्रोताओं ने बड़े ही ध्यान से सुना व समय-समय पर तालियां बजाते रहे।
कार्यक्रम का यह शानदार आयोजन ‘नयी उड़ान’ के अध्यक्ष बी.सी. भलावत, उपाध्यक्ष गणपत कोठारी, संयोजक शांतिलाल जैन तथा मंत्री राकेश चौपड़ा के विशेष प्रयासों से सफलता पूर्वक संपन्न हुआ तथा कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रवीण धोका, भंवरलाल डागलिया, कन्हैयालाल खंडेलवाल, डा. रमणीक बक्षी, कनक परमार, हस्तीमल कटारिया, शिखरचंद जैन, सोहनलाल जैन, सुकन परमार, कुलदीप बैद, प्रकाश चौपड़ा, कांतिलाल साकरिया, मनोज संघवी, नरेंद्र भंडारी, सिद्धराज लोढ़ा तथा स्वागत समिति में अतुल शाह, आकाश राज पुरोहित, रीटा मकवाना, सुरेश के. शाह, राधिकाप्रसाद दुबे, अमोल जाधव, बाबूलाल बाफना, योगेश चौधरी, विनोद बोहरा, रमेश कूकड़ा, हेमराज गुप्ता, सुरेश अग्रवाल, जसवंत परमार, दिलीप परमार, राजकुमार चपलोत, अर्जुन गुप्ता, देवकीनंदन लाला, नितेश धाकड़, शांतिलाल डी. पामेचा, भरत बी. पालगोता तथा रमेश निर्मल आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
महाराष्ट्र में सरकार गठन के बाद पहली बार एक मंच पर दिखे भाजपा-सेना के दिग्गज नेता
इस कार्यक्रम के दौरान जो सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र रहे वह थे महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तथा मोदी सरकार में पूर्व मंत्री व स्थानीय शिवसेना सांसद अरविंद सावंत। सबसे खास बात यह थी कि राज्य के इन दोनों दिग्गज नेताओं को राजस्थानी समाज के प्रयास ने एक मंच पर ला दिया। जिसमें महत्वपूर्ण भूमिका जाने माने समाजसेवी व उद्योगपति गणपत कोठारी ने निभाई।
देवेंद्र फडणवीस पहले से ही मंच पर उपस्थित थे, उनके कुछ देर बाद सांसद अरविंद सावंत भी पहुंचे और दोनों नेता एक दूसरे के अभिवादन की औपचारिकताएं भी मुस्कुराते हुए पूरी की। सावंत कुछ देर मंच पर देवेंद्र फडणवीस के पास बैठकर कवि सम्मेलन का लुत्फ उठाया व पहले ही चले गए जबकि पूर्व मुख्यमंत्री अंत तक कार्यक्रम में डटे रहे। इस दौरान ‘सुरभि सलोनी’ द्वारा एक मंच पर आने के सवाल के जवाब में अरविंद सावंत ने कहा कि हम लोग जन प्रतिनिधि हैं, जनता के बीच रहना जरूरी है। हमें यहीं की जनता ने चुनकर भेजा है, इसलिए उनके हर कार्यक्रम में पहुंचना हमारी जिम्मेदारी है।