नई दिल्ली:भारतीय क्रिकेट टीम फिलहाल न्यूजीलैंड दौरे पर है, जहां उसे 5 टी-20, 3 वनडे और 2 टेस्ट मैच खेलने हैं। 5 मैचों की टी-20 सीरीज के पहले दोनों मैच भारत जीत कर सीरीज में बढ़त बना चुका है। इस बीच टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री ने टीम में अपनी भूमिका को लेकर बात की। आईसीसी वर्ल्ड कप 2020 सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से हारने के बाद भी उन्हें पिछले साल दूसरा टर्म दिया गया था। पूर्व ऑलराउंडर टीम के साथ ही यात्राएं करते हैं। उनके साथ बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़, गेंदबाजी कोच भारत अरुण, फील्डिंग कोच एस श्रीधर और स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच निक वेब भी होते हैं। ऐसे में रवि शास्त्री की क्या भूमिका है?
हेड कोच रवि शास्त्री ने समाचार पत्र हिंदू को इंटरव्यू देते हुए कहा, ”हम सबकी भूमिका है। हमारा काम है हर संभव तरीके से टीम को फाइन ट्यून करना। बहुत छोटी-छोटी चीजें होती हैं, जो बड़ी बन जाती हैं। हमारा काम है बिना हाथ में छड़ी पकड़े टीम को सतर्क रखना होता है।”
उन्होंने कहा, ”आपको एक खिलाड़ी के पास जाकर कुछ नहीं कहना होता। यदि आपके पास किसी समस्या का समाधान है तब उसे लेकर आप खिलाड़ी के पास जा सकते हैं। मैं कभी किसी खिलाड़ी के पास नहीं जाता। कभी उससे नहीं कहता कि आप यह गलत क्यों कर रहे हो, जब तक मेरे पास उसका समाधान नहीं होता।”
57 साल के रवि शास्त्री ने कहा, ”आप एक ईकाई के रूप में कैसे बल्लेबजी करते हो, कैसे गेंदबाजी करते, आप एक दूसरे के लिए कैसे खेलते हो, आप कैसे गेम को आगे ले जाते हो, कैसे अच्छी शुरुआत करते हो, कैसे आप विपक्षी टीम के 20 विकेट ले सकते हो, यह सब सोचना होता है। या खेल के दौरान जो भी बीच में आता है, उसके बारे में सोचना होता है। अगर कोई सोचता है कि हम ब्रेड पर बटर लगाने के लिए हैं तो वह आगे बढ़ सकता है।”
रवि शास्त्री ने यह भी कहा कि कोचिंग जॉब बोरिंग कतई नहीं है। यह कोच का मुख्य काम भी है। उन्होंने कहा, ”आप हर रोज चीजें दोहराते हो। लेकिन मेरा काम है खिलाड़ियों को रिमाइंड कराना। मसल मेमौरी। उन्हें यह बताना कि उन्हें क्या करना है।”
आईसीसी टूर्नामेंट जीतने की क्षमताओं पर शास्त्री ने कहा, ”इस पूरी टीम में केवल एक ही चीज मिसिंग है और वह है आईसीसी ट्रॉफी। यह नियति है। आपको इसका पीछा करना होता है। कभी आप निराश भी होते हैं, लेकिन आपको अपने खेल और योजना के अनुरूप काम करना होता है। तभी आप अपने लिए बेहतर संभावनाएं खोज सकते हैं।”