ठाणे: पर्युषण महापर्व में धर्म की अविरल गंगा प्रवाहमान है इसी कड़ी में ठाणे तेरापंथ भवन में भी आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती प्रोफेशर मुनि श्री महेंद्र कुमार जी एवं मुनि वृन्द के सानिध्य में जप दिवस का कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जब दिवस के पावन अवसर पर भवन में भारी संख्या में युवाओं की उपस्थिति रही जिन्हें प्रेरणा मुनि श्री ने प्रदान किया और जप और तपस्या के महत्व से युवाओं को अपने व्याख्यान के माध्यम रूबरू करवाया। मुनि श्री अजित कुमार जी ने भगवान महावीर के पूर्वभवों का रोचक वर्णन करते हुए त्रिपुष्ठ वासुदेव के भव का रोचक निरूपण किया।
मुनि श्री अभिजीत कुमार ने जप के महत्व को समझाते हुए कहा कि ‘ज’ का अर्थ जन्ममरण की परंपरा का विच्छेद और ‘प’ का अर्थ पापनाशक बताया। विश्वाश ही मंत्र शक्ति का आस्था का आधार है। साथ कहा कि प सूत्र विश्वाश, स्वाश, वास और आस जिनको अपना कर हम जीवन में जप को सफलता का महामंत्र बना सके। मंत्र कितना ही ऊर्जावान हो पर कामयाबी के लिए मंत्र दाता और मंत्र कर्ता की प्राण ऊर्जा की अहम भूमिका होती हैं। मुनि जागृत कुमार ने दीर्घ तपश्विनी साध्वी श्री पन्ना जी के जीवन चरित्र से जुड़े प्रेरक प्रसंग बताएं । कार्यक्रम में भांडुप महिला मंडल द्वारा गीतिका का संगान किया गया। सामाजिक कार्यों से जुड़ी सूचना पवन ओस्तवाल ने दी। कार्यक्रम में कुशलतापूर्वक संचालन मुनि अभिजीत कुमार ने किया। निर्मल श्री श्रीमाल एवं ठाणे सभा अध्यक्ष देवीलाल श्री श्री माल के नेतृत्व में सभी संघीय संस्थाओं का कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम योगदान रहा।
ठाणे में जप दिवस पर भव्य कार्यक्रम
Leave a comment
Leave a comment