दीनदयाल एक युगपुरुष के बाद सितमगर के साथ अभिनेता प्रशान्त राय की अभिनय की गाड़ी धीरे धीरे ही सही रफ्तार पकड़ रही हैं । पेश हैं सुरभि सलोनी से उनके बातचीत के प्रमुख अंश-
– दीनदयाल एक युगपुरुष से अटल जी के अभिनय से क्या सीख मिली?
फ़िल्म में अभिनय करना एक वो लाजवाब काम हैं जिसमे आपका एक सपना पूरा होता हैं और अटल जी का रोल करना एक अलग ही बात थीं साथ ही कई चीजे सीखी फ़िल्म निर्माण में पर्दे के पीछे की बारीकियां भी साथ साथ की आप अभिनय को लेकर सहज नही हो सकतें यह एक नशा के समान हैं जिसमें आपका डूबना ज़रूरी हैं ।
-आप हाल में हीं सितमगर के कुछ दृश्यों की शूट करके आये सुना हैं काफी रियल शूटिंग हुई।
धीरज मिश्र कमाल के लेखक के साथ बेहद ही सहज निर्देशक हैं एक वास्तविक हो रही हैं शादी में शूट की कल्पना वही सोच सकतें हैं हम तनाव में थे क्यो की आम लोगों के बीच कुछ ऐसे दृश्य फिल्माना जिसमे आस पास के लोग समस्या पैदा कर सकते थे लेकिन सुनियोजित योजना के साथ सब कुछ अच्छा रहा ।
– एक बायोपिक के बाद विशुद्ध रूप से प्रेमकथा कथा में काम करने का अनुभव कैसा रहा?
प्रेम कहानी में काम करना हर युवा अभिनेता की चाह होती हैं सितमगर में मेरा वो सपना पूरा होता हैं पटकथा सुनाते वक्त धीरज सर ने कहा था यह एक आम युवक की कहानी हैं जिसे तुम्हारा अभिनय खास बना सकता हैं।
– नया साल शुरू हो चुका हैं आगे का भविष्य कैसे देखते हैं?
अभी तो फिलहाल सितमगर हैं शायद विमोक्ष में भी मेरे लिए अच्छी भूमिका हो इसके साथ कुछ कहानियां सुनी है। लेकिन बेहद सोच समझ के ही फैसले लूँगा।
अभिनय एक नशा हैं : प्रशान्त राय
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