राजकुमार गौतम/बस्ती। जिले की एक महत्वपूर्ण सड़क को की बदहाली से परेशान स्थानीय लोगों ने संघर्ष समिति बनाकर अब आंदोलन की तैयारी में हैं, क्योंकि यह सड़क वर्षों से बदहाल है लेकिन इसकी खबर लेने ना तो कोई जन प्रतिनिधि आ रहा है और ना ही प्रशासन को इसकी चिंता है। जबकि इस सड़क आवागमन करना दिनों-दिन बेहद मुश्किल हो गया है। जानकारी के अनुसार, बस्ती जिले के गौर ब्लाक में स्थित दुबौला-पचपेड़वा रोड काफी दिनों से खस्ताहाल है। वर्तमान में इस सड़क की हालत इतनी बिगड़ गई है कि अब इस पर चलना भी मुश्किल हो गया है। इसी के मद्देनजर पिछले दिनों दुबौला चौराहा के आसपास के लोगों ने एक बैठक कर “दुबौला-पचपेड़वा सड़क निर्माण संघर्ष समिति” का गठन किया, जिसमे अमित कुमार मिश्र, सतीश कुमार, दीनदयाल मिश्र, पत्रकार राजकुमार पाण्डेय, अनिल कुमार, बलराम पाण्डेय, नन्द किशोर गुप्ता, राजेश पाण्डेय, सकूने कुमार, देवी प्रसाद शुक्ल, जय प्रकाश यादव, इन्द्र जीत गुप्ता, प्रदीप यादव, जय प्रकाश सहित कई लोग मौजूद रहे। संघर्ष समिति को बाबा भारी नाथ धर्मशाला समिति के संयोजक दीनदयाल मिश्र और ‘साथी हाथ बढ़ाना’ के संयोजक राजकुमार पाण्डेय ने हर स्तर पर सहयोग करने का आश्वासन दिया।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश की आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश को गड्ढामुक्त करने का दावा किया था लेकिन काफी समय गुजर जाने के बाद भी उनका यह दावा खोखला ही साबित हो रहा है तथा सड़कों के गडढों ने उनके दावों की पोल खोलकर रख दिया है। बस्ती,दुबौला-पचपेड़वा मार्ग का हाल तो यह हो चुका है कि मेडिकल किट साथ लेकर चलना जरूरी हो गया है, क्योंकि क्या पता कहां जरूरत पड़ जाए। इससे पूर्व में भी समाजसेवियों के द्वारा दुबौला चौराहे पर राहगीरों को मेडिकल किट वितरण करके सड़क व्यवस्था के संबंध में प्रशासन को जागरूक करने की कोशिश की गई थी लेकिन उसका भी परिणाम ‘ढाक के तीन पात’ ही हुए थे।
बताते चलें कि बस्ती जनपद की लगभग आधी आबादी का आवागमन पचपेड़वा-दुबौल राजमार्ग से है, पूरे बस्ती की जनसंख्या 24,64,464 है, और लगभग इसकी आधी जनता इसी मार्ग का उपयोग आवागमन के लिए करती है, बावजूद इसे लेकर प्रशासन आज तक मूकदर्शक बना हुआ है। इसी के मद्देनजर इन संगठनों के साथ-साथ क्षेत्र की जनता में इसे लेकर तीव्र आक्रोश है।
सड़क की बदहाली से परेशान लोगों ने बनाया संघर्ष समिति, आंदोलन की तैयारी
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