मुंबई: कांग्रेस सेवादल की तरफ से वीर सावरकर पर छापी गई किताब पर विवाद बढ़ता जा रहा है। भाजपा के बाद अब शिवसेना ने भी इस मुद्दे कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोला है। पार्टी के सांसद संजय राउत ने कहा कि वीर सावरकर महान हैं और रहेंगे। उनके खिलाफ जो भी बात करता है यह उसके दिमाग में भरी गंदगी को दर्शाता है।
राउत ने आगे यह भी कहा कि जो लोग सावरकर जी के खिलाफ बोल रहे हैं उनके दिमाग की जांच होनी चाहिए। महाराष्ट्र हो या देश को कोई भी हिस्सा हर कोई सावरकर पर गर्व करता है। सावरकर पर जो किताब छपी है वो मध्यप्रदेश की गंदगी है, ये कभी महाराष्ट्र में नहीं आएगी।
निजी टिप्पणियां ठीक नहीं: राकांपा नेता
राकांपा नेता नवाब मलिक ने इस मामले में कहा कि विवादित आर्टिकल लिखना गलत है। वैचारिक मतभेद अपनी जगह हैं लेकिन निजी टिप्पणियां नहीं होनी चाहिए। विशेषकर जब वह (सावरकर) जीवित नहीं हैं। कांग्रेस सेवा दल को इस किताब को वापस लेना चाहिए।
सवारकर को मुस्लिम विरोधी बताकर नया पैंतरा खेला: भाजपा
वहीं, महाराष्ट्र भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस लगातार सावरकर की छवि बिगाड़ने का प्रयास कर रही है। अब उसने उन्हें (सावरकर) मुस्लिम विरोधी बताकर नया पैंतरा खेला है। कांग्रेस को देश की जनता के सामने यह स्पष्ट करना चाहिए कि अगर सावरकर मुस्लिम विरोधी थे, तो क्या कांग्रेस मुस्लिम भक्त है? उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस सिर्फ इतिहास से खिलवाड़ ही नहीं करती, बल्कि उसने देश का सही इतिहास लिखने ही नहीं दिया।
भोपाल में कांग्रेस सेवादल के शिविर में बांटी गई थी किताब
भोपाल में कांग्रेस सेवादल के शिविर में ‘वीर सावरकर कितने वीर’ शीर्षक एक किताब बांटी गई थी। इसमें नाथूराम गोडसे और सावरकर को लेकर विवादित बातों का जिक्र किया गया है। इस किताब में लॉरी कॉलिंस और डॉमिनोक्यू लापियर द्वारा लिखित किताब ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ के हवाला देते हुए लिखा है कि गोडसे और सावरकर के बीच शारिरिक संबंध थे। वहीं, कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी देसाई ने कहा कि सेवादल के शिविर में बांटा गया साहित्य ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित है।