पुलिस के कारवाई पर सवालिया निशान
पंकज श्रीवास्तव/पटना। पिछले 21 दिसम्बर को महागठबंधन ने NRCऔर CAA के खिलाफ बिहार बंद का आयोजन किया था। इस बंद के दौरान पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राजधानी पटना समेत पूरे सूबे में जमकर तोड़फोड़ की सबसे ज्यादा सुर्खियों में पटना की घटना रही जहाँ पत्रकारों के साथ मारपीट किया गया। इस खूनी हमले में कई पत्रकार गम्भीर रुप से जख्मी हुए। मीडिया के कडे रुख से प्रशासन ने कई नेताओं को नामजद किया। इसमें एक नाम कांग्रेस नेता डा आशुतोष कुमार का भी था। एफआईआर दर्ज होते ही पटना पुलिस इनकी तलाश में जुट गयी। 3 दिन गुजरने के बाद भी पुलिस उन्हें पकड़ने में नाकामयाब रही। दुसरी ओर कांग्रेसी नेता आशुतोष कुमार ने अपने फेसबुक पोस्ट पर कल सोमवार को पटना में रूद्राभिषेक का एक फोटो डाला है। जो पटना बैकटपुर शिव मंदिर का है। पोस्ट के प्रकाश में आते ही मीडिया ने पटना पुलिस कारवाई पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है। हैरत देखिए अाशुतोष लगातार राजनैतिक गतिविधियों पर पोस्ट डाल रहें हैं। इन पोस्टों में झारखंड में कांग्रेस गठबंधन की जीत पर बधाई भी है। हालाँकि कांग्रेस नेता डा आशुतोष कुमार का मोबाइल अभी भी स्वीच ऑफ आ रहा है ।
बताते चलें के निजी टीवी चैनल के पटना ब्यूरो प्रमुख प्रकाश सिंह और कांग्रेस के पटना जिला अध्यक्ष (ग्रामीण ) आशुतोष कुमार के बीच विवाद शुरू हो गया। वीडियो में भीड़ द्वारा दुर्व्यवहार और हाथापाई भी स्पष्ट रुप से दिखता है। घटना के बाद पत्रकार प्रकाश सिंह ने दो नामजद सहित सैकड़ों अज्ञात के खिलाफ कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराया था। इसके अलावा एक दैनिक समाचार -पत्र के फोटोग्राफर दिनेश कुमार ने भी मारपीट करने के खिलाफ केस कराया था। इस बंद के दरम्यान पटना एसएसपी भी घिर गयी थी। बाद में सीटी एसपी (मध्य) विनय कुमार ने मामले को गंभीरता से लिया और कार्रवाई के लिए एक टीम गठित किया। आशुतोष कुमार के कई ठिकाने पर छापेमारी की गयी लेकिन वो नहीं मिले।
बंद के दौरान पत्रकारों से मारपीट करने वाले नेता पुलिस के गिरफ्त से बाहर, फेसबुक पर सक्रिय
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