हमें अपने जीवन में आगे बढ़ते हुए कई बार उलझनों का सामना करना पड़ता है। ज्यादातर लोग इन उलझनों को छोटा समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, यह सोचकर कि इनसे क्या होगा। लेकिन कई बार इन्हीं छोटी-छोटी परेशानियों में फंसकर लोग अपना बना बनाया काम बिगाड़ लेते हैं। जिसके बाद व्यक्ति के पास पछतावे के सिवा कुछ नहीं बचता है। यह स्थिति स्कूल, कॉलेज या प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के सामाने अक्सर आती है। वह पढ़ाई में आने वाली छोटी-छोटी उलझनों को यह सोच कर दरकिनार कर देते हैं कि इनसे क्या होगा। मगर उनकी यही सोच परीक्षा के समय बड़ी परेशानी का कारण बन जाती है। ऐसा ही कुछ हमारी आज की इस कहानी में भी बताया गया है।
एक बार एक बहुत ताकतवर राजा को दुनिया का सबसे बलवान राजा बनने की सनक चढ़ी। इसलिए वो एक भविष्यवक्ता के पास गया और उनके कहा, कोई उपाय बताएं जिससे मेरी दुनिया का सबसे ताकतवर राजा बनने की इच्छा पूरी कर हो सके।
वह शख्स बोला, देख राजा ये जो रास्ता जा रहा है। इसमें 10 किलोमीटर बाद एक पेड़ पर एक सोने का फल लगता है। जो उसे खाएगा। उसकी ताकत 100 गुना बढ़ जाती है। तू उसे खा ले तेरी इच्छा भी पूरी हो जाएगी। ज्योतिष ने राजा को एक बात के लिए सर्तक किया। उसने कहा, मगर एक बात का ध्यान रखना की रास्ते में एक 1 फीट का राक्षस मिलेगा उसे मार देना, वरना वो तुहें आगे नहीं जाने देगा।
राजा ने हां बोला और चल दिया।
1 किमी जाने के बाद उसे बाबा का बताया हुआ छोटा राक्षस मिला। वह बोला मार मुझे। राजा ने सोचा इसे क्यों मारूं, छोटा सा तो है। मेरा क्या बिगाड़ लेगा। और उसे साइड करके आगे चला। अभी 2 किमी ही हुए थे की राक्षस फिर आ गया। मगर इस बार वो कुछ बड़ा था। राजा ने फिर उसे साइड किया। और फिर आगे चल दिया।
इसी तरह वो राक्षस बार-बार राजा को मिलता, और उसका आकार हर बार बड़ा होता जाता। अंत में जब राजा फल के पास पहुंचा तो राक्षस फिर आ गया। लेकिन अब वो राजा से काफी बड़ा था। अब दोनों में भयंकर युद्ध हुआ। राक्षस ने राजा को खूब मारा। राजा मरने की हालत में पहुंच गया। पर फिर भी किसी तरह उसने राक्षस को मार डाला। और फल तोड़ कर खाया, तब जा कर उसकी जान बची।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है :
-हमें भी रोजाना जीवन में ऐसे छोटे-छोटे राक्षस परेशानियों के रूप में मिलते हैं। पढ़ते समय या कुछ भी सीखते हुए। ये सभी परेशानियां राक्षस समान ही होती हैं।
जिन्हें हम अक्सर ये सोचकर छोड़ देते हैं की इससे क्या नुकसान होगा। मगर यही छोटी-छोटी उलझनें भविष्य मे हमारे लिए परेशानी का सबब बन जाती हैं। इसलिए इन सभी उलझनों को उसी समय खत्म करना चाहिए। वरना ये छोटा राक्षस हमारी जान ले कर रहेगा।
-इस कहानी से दूसरी सीख यह मिलती है कि जीवन में भी कई तरह की उलझनें आएंगी उन्हें उसी समय निपटा लेना चाहिए, वर्ना जीवन खतरनाक मोड़ पर पहुंचने का खतरा रहता है।
-हमें अपने जीवन में कई बार उलझनों का सामना करना पड़ता है। ज्यादातर लोग इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं, जो कि गलता है।