सातारा। साध्वी श्री अणिमाश्रिजी एवं साध्वी श्री मंगलप्रज्ञाजी ठाणा 6 हुबली की ओर गुरु दर्शनों की तीव्र उत्कंठा के साथ बढ़ रही है। साध्वी वृन्द की विहार सेवा में ठाणा के अतिरिक्त मुम्बई के विभिन्न उपनगरों के युवासाथी उत्साह के साथ संभागी बन रहे है। इसी क्रम में बांद्रा, सांताक्रुज, खार व विलेपार्ले के युवकों ने भी विहार, प्रवचन एवं सेवा का लाभ लिया।
साध्वी अणिमाश्रिजी ने अपने उद्बोधन में कहा जीवन में उतार-चढ़ाव का क्रम आता ही रहता है। समय का चक्र व्यक्ति के साथ सतत संक्रमणशील है। समय साधारण भी होता है और असाधारण भी। समय के साथ चलने वाला व्यक्ति अपने व्यक्तित्व व अपने कर्तुतत्व को सवार सकता है। समय की शिला पर बैठकर व्यक्ति बड़े-बड़े कार्य को संपादित कर सकता है। समय की मूल्यवत्ता को समझकर उसका सम्यक प्रबंधन करना जरूरी है। समय प्रबंधन में निष्णात व्यक्ति हर कार्य को सुगमता से कर सकता है। आज से सारे युवा समय का कुशल प्रबंधन करके ही हमारी सेवा में उपस्थित हुए है। सांताक्रुज, बांद्रा, खार हमारे विलेपार्ले चातुर्मास का चोखला रहा है। हमारे चोखले के युवक जागरूक है। आपकी आध्यत्मिक जागरूकता बनी रहे। मंगलकामना।
साध्वी मंगलप्रज्ञाजी ने मंगल पाथेय प्रदान किया। साध्वी कर्णिकाश्रीजी, साध्वी समतव्यशाजी, साध्वी सुधाप्रभाजी, साध्वी मैत्रीप्रभाजी ने युवकों को संबोध प्रदान किया।
बांद्रा से तेयुप अध्यक्ष महावीर इंटोदिया, पूर्व अध्यक्ष मनीष नौलखा, मंत्री मनीष बाफना, विनोद चपलोत, विलेपार्ले पूर्व तेयुप अध्यक्ष चेतन सिंघवी, सांताक्रुज पूर्व तेयुप अध्यक्ष राजेंद्र नौलखा, संजय चंडालिया, सुरेंद्र हिंगड़, प्रदीप बोहरा, दिनेश बाफना, महेश कोठारी, मोनू जैन ने रास्ते मे विहार की सेवा प्राप्त कर नई ऊर्जा प्राप्त की।
बांद्रा-सांताक्रुज, खार व विलेपार्ले के युवा विहार में बने संभागी
Leave a comment
Leave a comment