नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार अगले पांच वर्षो में खादी और ग्रामीण उद्योगों का राजस्व दो लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने की ओर अग्रसर है। वर्तमान में यह करीब 75,000 करोड़ रुपये है। उन्होंने इंडस्ट्री से सेक्टर का ग्लोबल ट्रेड 10 परसेंट बढ़ाने और चीन के घरेलू परिदृश्य के चलते मिले मौके को भुनाने का आग्रह किया। चीन इस सेक्टर के ग्लोबल ट्रेड में 17 परसेंट हिस्सेदारी रखता है।
लेकिन अब लागत और अन्य कठिनाइयों के चलते उत्पादन स्तर को बनाए रखने के लिए जूझ रहा है।मंत्री ने कहा कि एमएसएमई और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में देश की इकोनॉमी को पांच लाख करोड़ डॉलर तक ले जाने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि उन्हें यह देखकर दुख होता है कि मिनरल्स का प्रचुर भंडार होने के बावजूद हम कोयला और न्यूजप्रिंट जैसी चीजों का आयात करते हैं। गडकरी ने सुझाव दिया कि कांडला के पावर प्लांट के लिए पारादीप से कोयला मंगवाया जा सकता है, जिससे बिजली की कीमत 35 से 40 पैसे प्रति यूनिट तक कम की जा सकती है।
केंद्रीय मंत्री ने एमएसएमई सेक्टर की संभावनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इस सेक्टर के अंतर्गत 38,000 निर्यात क्षमता योग्य इंडस्ट्रीज आती हैं और इसने 11 करोड़ नौकरियां पैदा की हैं। उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षो में इस सेक्टर में पांच करोड़ नौकरियां सृजित करने की योजना है। गडकरी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के 2022 तक न्यू इंडिया लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए 115 पिछड़े जिलों को विकसित किया जा रहा है। इन जिलों में बड़े पैमाने पर शहद, बांस, एथनॉल, मेथनॉल और बॉयो सीएनजी जैसे उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
2 लाख करोड़ तक ग्रामीण उद्योगों का राजस्व पहुंचाएगी सरकार
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