नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी लंबी बहस के बाद पास हो गया। राज्यसभा में 8 घंटे चली बहस में पक्ष और विपक्ष के 44 सांसदों ने अपनी बात रखी। बिल को सदन में पेश करने वाले गृह मंत्री अमित शाह ने सिलसिलेवार ढंग से सभी सवालों और बयानों के जवाब दिए। कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने इस बिल को बांटने वाला बताया। इस पर शाह ने कहा कि कांग्रेस ने ही धर्म के आधार पर देश के बंटवारे को स्वीकार किया था। अगर ऐसा न करते तो आज मुझे यह बिल पेश ही न करना पड़ता। भाजपा के अन्य सदस्यों ने भी बिल पर उठे सवालों के जवाब दिए।
1) आनंद शर्मा ने पूछा इतनी जल्दबाजी क्यों?
शाह का जवाब: देश की समस्याओं को कब तक टालते रहेंगे। जो भी सत्ता में रहे हैं, उनसे कहना चाहूंगा कि आज कमरे में अंधेरा करके आत्म निरीक्षण करें। हंसना बहुत आसान है। लेकिन, याद रखिए कि करोड़ों लोग देख रहे हैं कि आप हमारी पीड़ा पर हंस रहे हैं।
2) सिब्बल ने कहा- बिल सावरकर की दो राष्ट्रों की अवधारणा को पूरा करेगा
शाह का जवाब: सिब्बलजी और आनंद शर्माजी मैं कह रहा हूं कि विभाजन भूल थी। विभाजन न होता और धर्म के आधार पर न होता तो बिल नहीं लाना पड़ता। विभाजन का कारण केवल जिन्नाजी थे। किसी ने भी विभाजन की मांग की तो कांग्रेस ने इसे स्वीकार क्यों किया? धर्म के नाम पर विभाजन क्यों स्वीकार किया? धर्म के आधार पर विभाजन कांग्रेस की देन है और इसी के कारण देश में सारी समस्याएं हुईं।
3) चिदंबरम- यह बिल संसद के मुंह पर तमाचा है
शाह का जवाब- चिदंबरमजी ने कहा कि यह बिल अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। यह बिल किसी एक समुदाय या धर्म को नागरिकता देने के लिए नहीं है। हम हर धर्म के अल्पसंख्यकों के लिए यह बिल ला रहे हैं। यह रीजनेबल क्लासिफिकेशन है। संविधान में कहीं भी उल्लेख नहीं है कि रीजनेबल क्लासिफिकेश के लिए कानून नहीं बनाया जा सकता है। हम तीन देशों के उन अल्पसंख्यकों को नागरिकता देंगे, जो अपने धर्म, बहू-बेटियों की इज्जत बचाने के लिए यहां आए हैं।
4) गुलाम नबी आजाद- धार्मिक आधार पर प्रताड़ितों का आंकड़ा नहीं दिया
शाह का जवाब: आजाद साहब ऐसे शरणार्थियों की संख्या पूछ रहे हैं? अगर आप किसी से पूछोगे कि क्या आप विदेशी हो तो कोई आपको बताएगा? कोई कहेगा कि मैं विदेशी हूं? वह बताने से डरेगा। ऐसे लोगों ने नहीं बताया, क्योंकि डर था कि शादी टूट जाएगी, नौकरी चली जाएगी, कानून तोड़ने के लिए गिरफ्तारी होगी। आजाद साहब आप इन लोगों को भारत का नागरिक बनने दीजिए। जब संख्या आएगी तो इसी सदन में मैं आपके सामने वह आंकड़ा रखूंगा। आपने कभी इनके अधिकारों-सुविधाओं की रक्षा का रास्ता नहीं निकाला। मोदी सरकार ऐसा करेगी और इसी तरह हम इन्हें भारतीय नागरिक बनाएंगे।
5) डेरेक ओ ब्रायन- बिल नाजी कॉपी बुक से लिया गया
शाह का जवाब: सदन में लोग कह रहे हैं कि इस बिल की अवधारण नाजी कॉपी बुक से प्रेरित है। इसे जर्मनी से लिया गया बताया जा रहा है। मैं यहां कहना चाहूंगा कि सारी दुनिया जानती है कि भारत लोकतांत्रिक है। अभी तक हमारे यहां दो सदनों की व्यवस्था ठीक से चल रही है। हां, इमरजेंसी के थोड़े से वक्त को छोड़ दिया जाए तो हमने कभी भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नहीं छोड़ा।
6) संजय राउत- क्या बिल का समर्थन करने वाले ही देशभक्त
शाह कहा- ऐसे लोग सवाल उठा रहे हैं कि जो सत्ता के लिए कैसे-कैसे रंग बदल रहे हैं। शिवसेना की बात करता हूं कि लोकसभा में तो उन्होंने बिल का समर्थन किया। वे महाराष्ट्र की जनता को यह बताएं कि एक दिन में ऐसा क्या हो गया जो उन्होंने अपना स्टैंड बदल दिया।