नई दिल्ली:दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि दिल्ली में चुनाव सरकार के प्रदर्शन के आधार पर लड़े जाएंगे। ‘हिन्दुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट’ में उन्होंने कहा कि राज्य में बीते पांच साल में विकास के जो काम हुए हैं उसकी चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है। हमारी सरकार अगला चुनाव अपने काम पर ही लड़ेगी।
मुख्यमंत्री ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और बुनियादी सुविधाओं के लिए किए गए कार्यों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि भाजपा को अब कच्ची कॉलोनियां केवल इसलिए याद आ रही हैं क्योंकि यहां विकास के नाम पर वोट पड़ने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पांच साल में बहुत कुछ बदला जा सकता है और हमने ऐसा करके भी दिखाया है। हालांकि, प्रदूषण और सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में अभी काफी कुछ किया जाना बाकी है।
इस मौके पर केजरीवाल ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बारात तो है लेकिन उनका दूल्हा कहा हैं। उन्होंने कहा कि इस बार भाजपा का नारा होगा अबकी बार तीन पार। केजरीवाल ने कहा कि हाल ही में ऑडिट में कहा गया था कि हम इकलौती ऐसी सरकार है जिसके पास सरप्लस बजट है।
जाति-धर्म नहीं चलेगा
केजरीवाल ने कहा, भाजपा जाति और धर्म के आधार पर चुनाव लड़ती है लेकिन जब दिल्ली की बात होती है, तो उनके लोग अनधिकृत कॉलोनी, पानी के बारे में बात करते हैं। अगर हम वह सब काम नहीं करते जो हमने वादा किया था, तो वे इसे हिंदू-मुस्लिम में बदल देते, हमने विकास पर चर्चा को मजबूर किया।
मनोज तिवारी पर कटाक्ष
केजरीवाल से जब पूछा गया कि क्या वह भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को चुनाव में प्रतिद्वंद्वी मानते हैं तो उन्होंने कहा, वह गाना अच्छा गाते हैं। उधर, तिवारी ने ट्वीट किया कि केजरीवाल आरोप लगाकर और भला-बुरा कहकर ही दिल्ली चला रहे हैं।
उपलब्धियां गिनाईं
* दिल्ली की प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा विश्व में सबसे बेहतर। पॉश इलाकों में मोहल्ला क्लीनिक खोले गए
* फरिश्ते योजना के तहत सड़क हादसों में घायल तीन हजार की जान बचाई
* 98% इलाकों में पानी की आपूर्ति पाइप से। सीधे नल से पानी पी सकते हैं। बिजली बिल पर भी राहत दी
* भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई हुई। कर की दरें 12 से घटाकर 5% हुई
पराली से प्रदूषण
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि अक्तूबर माह के बाद दिल्ली में प्रदूषण का बड़ा कारण हरियाणा और पंजाब में पराली जलाना है। हालांकि,उन्होंने कहा कि पेरिफेरल के निर्माण से ट्रक दिल्ली के अंदर नहीं आते। इससे वायु प्रदूषण में 25 फीसदी तक कमी आई है।