मुंबई:महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाले गठबंधन में अजीत पवार अगले उपमुख्यमंत्री होंगे या नहीं, इस सवाल पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने अपना पक्ष रखने से इनकार कर दिया। शरद पवार ने मंगलवार को एनडीटीवी में दिए इंटरव्यू में कहा, “तीन सदस्यीय गठबंधन महाराष्ट्र विकास अघाड़ी में अजीत पवार की संभावित भूमिका पर पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दे सकता।” उन्होंने कहा कि यह निर्णय एक व्यक्ति द्वारा नहीं लिया जाएगा, पार्टी के वरिष्ठ पार्टी नेताओं के परामर्श के बाद फैसला होगा। शरद पवार ने आगे कहा कि एनसीपी में, विशेष रूप से विधायक दल के बड़े सदस्य अजीत के साथ जुड़ाव रखते हैं। एनसीपी विधायक अजीत के भाजपा से हाथ मिलाने के फैसले से खुश नहीं थे लेकिन अजीत के लिए एनसीपी विधायकों में पूरा सम्मान है।
शरद ने बताया अजीत क्यों थे नाखुश
भाजपा के साथ अजीत पवार के हाथ मिलाने के बारे में पवार ने कहा, वह हमारे बीच चर्चा के बीच से ही लौट गए थे और कांग्रेस व हमारे बीच वार्ता से वह बहुत खुश नहीं थे। वह पूरी तरह नाखुश थे। उस स्थिति में उन्होंने ऐसा निर्णय किया। पवार ने कहा, लेकिन उन्हें महसूस हुआ कि यह सही निर्णय नहीं है और इसलिए अगली सुबह वह आए, मुझे देखा और इन सबसे अलग हो गए। बहरहाल, उन्होंने कहा कि एनसीपी में उनके भतीजे की अच्छी पकड़ है लेकिन यह बताने से इनकार कर दिया कि महाराष्ट्र की नई सरकार में उनके भतीजे को उपमुख्यमंत्री का पद मिलेगा अथवा नहीं।
भाजपा से शिवसेना बेहतर
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन की तुलना में शिवसेना के साथ गठबंधन कठिन नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके भतीजे अजीत पवार ने पार्टी के साथ बगावत की थी, क्योंकि महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ जिस तरह से वार्ता चल रही थी उससे वह पूरी तरह नाराज थे।
गठबंधन में पूर्ण समझदारी
धर्मनिरपेक्ष कांग्रेस- एनसीपी और दशकों तक उग्र हिंदुत्व की विचारधारा की समर्थक शिवसेना के बीच गठबंधन के वास्तुकार पवार ने कहा कि विचारधारा के स्तर पर अलग होने के बावजूद गठबंधन के बीच पूर्ण समझदारी है। उन्होंने विश्वास जताया कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र की सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।
पीएम से बोले पवार, भाजपा के साथ काम करना संभव नहीं
पवार ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से मुलाकात में कहा था कि उनकी पार्टी के लिए भाजपा के साथ काम करना संभव नहीं होगा। पवार ने कहा, हमारे लिए भाजपा की तुलना में शिवसेना के साथ काम करना कठिन नहीं है। हम वह मार्ग नहीं पकड़ सकते थे।