खंडाला। साध्वी अणिमाश्रीजी एवं साध्वी वृन्द के विहार में मेला
ठाणे। साध्वी श्री अणिमाश्रीजी एवं साध्वी मंगलप्रज्ञाजी ठाणा 6 के गुरुदर्शन के सुखद लक्ष्य के साथ हुबली (कर्नाटक) की ओर द्रुतगति से यातायीत है। विहार यात्रा के क्रम में साध्वी वृन्द का खापोली से खंडाला घाट की ओर मंगल विहार हुआ। विहार में ठाणा, कोपरखैरने, पनवेल, वाशी, ऊरण, मुलुंड, खोपोली, पूना, पिंपरी, चिंचवड़, खड़की के भाई-बहन अच्छी संख्या में सहभागी बने। विशाल हुजूम के साथ पदयात्रा करते देख राह चलता हर राहगीर अचंभित था।
साध्वी अणिमाश्रीजी ने अपने उद्बोधन में कहा तेरापंथ धर्मसंघ एक आचार्य निष्ठ धर्मसंघ है। प्राणप्रण से समर्पित साधु साध्वियां गुरु दृष्टि के अनुसार ही अपने कदमों को गतिमान करते है। वहीं श्रावक-श्राविकाओं का अपने आराध्य के प्रति , साधु साध्वियों के प्रति समर्पण देखते ही बनता है। साधू-साध्वियों के रास्ते की सेवा करना, विहार करवाना अपना परम् कर्तव्य मानता है। पहाड़ की चढाई हो या उतार विहार में कदम से कदम मिलाकर चलने वाली युवा टोलियों का उत्साह, श्रद्धा और भक्ति देखकर मन गदगद हो रहा है। घाट की इस चढ़ाई में लगभग सौ से अधिक भाई बहनों का साथ रहना, गुरु आशीर्वाद का प्रतिफल है। हमें गौरव की अनुभूति होती है कि हमें तेरापंथ धर्मसंघ मिला है। अक्षय ऊर्जा के महासागर आचार्य महाश्रमणजी का नेतृत्त्व मिला है। विनीत एवं श्रद्धावान श्रावक समाज मिला है। जरूरत है हम अपनी साधना आराधना करते हुए श्रावक समाज के आध्यात्मिक उन्नयन हेतु प्रयत्नशील रहे एवं संघ की गौरव वृद्धि करें।
साध्वी मंगलप्रज्ञाजी ने सामायिक विचार रखे। साध्वी कर्णिकाश्रीजी, साध्वी सुधाप्रभाजी, साध्वी समत्वयशाजी, साध्वी मैत्रीप्रभाजी ने गीत का संगान किया।
ठाणा तेरापंथी सभा के तत्वाधान में साध्वी वृन्द की विहार सेवा का व्यवस्थित क्रम चल रहा है। सब जागरूकता के साथ अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे है।
खंडाला घाट पर लगा अध्यात्म का जबरदस्त ठाट
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