नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 1984 के सिख-विरोधी दंगों के सिलसिले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक व्यक्ति की याचिका पर शुक्रवार को सीबीआई से अपना पक्ष रखने को कहा।
कांग्रेस के पूर्व पार्षद बलवान खोखर की याचिका को न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए रखा गया। पीठ ने मामले को 11 सितंबर के लिए सूचीबद्ध किया।
खोखर ने यह कहते हुए राहत की मांग की कि दंगे के मामले में निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दायर अर्जियों के लंबित होने तक उन्हें नियमित जमानत दी जाए।
सीबीआई की ओर से अधिवक्ता तरन्नुम चीमा ने कहा कि अपील पर 11 सितंबर को सुनवाई की जाएगी।
निचली अदालत द्वारा मई, 2013 में दोषी ठहराये जाने के बाद से खोखर तिहाड़ जेल में बंद हैं। सेवानिवृत्त नौसैनिक खोखर, कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल और दो अन्य को एक नवंबर, 1984 को दिल्ली कैंट के राजनगर इलाके में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। उन्होंने मई, 2013 में निचले अदालत के फैसले को चुनौती दी थी।
1984 का सिख दंगा : दोषी ठहराये व्यक्ति की याचिका पर सीबीआई से मांगा जवाब
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