मुंबई: मुंबई. पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक (पीएमसी) के खाताधारकों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद जगी है। कोर्ट ने मुंबई पुलिस को बैंक की जब्त संपतियों को रिलीज करने की मंजूरी दे दी। यह संपतियां मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने कंपनी के प्रमोटर्स राकेश और सारंग वधावन समेत कुछ अन्य लोगों के पास से जब्त की थी। यह संपत्ति करीब 3500 करोड़ रुपए की बताई जा रही है।
दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा नियुक्त प्रशासक ने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा से पीएमसी बैंक मामले में हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की जब्त संपत्तियों को रिलीज करने के लिए कहा था, ताकि उन्हें नीलाम किया जा सके।
आरबीआई प्रशासक की मांग के बाद मुंबई पुलिस ने कोर्ट से संपत्तियों को सौंपने की अनुमति मांगी। मंजूरी मिलने के बाद पुलिस जब्त संपत्तियों को आरबीआई प्रशासक को सौंपने के लिए तैयार हो गई।
इन संपत्तियों की नीलामी- सिक्योरिटाइजेशन एंड रिकंस्ट्रक्शन ऑफ फाइनेंशियल एसेट्स एंड एनफोर्समेंट ऑफ सिक्योरिटीज इंटरेस्ट (सरफेसी) अधिनियम- 2002 के तहत किया जाएगा।
पीएमसी बैंक में 4,355 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आने के बाद आरबीआई ने 6 महीने में खाताधारकों द्वारा 50 हजार से ज्यादा की निकासी पर रोक लगा दी है। आरबीआई इस मामले में पीएमसी बैंक के बड़े अधिकारियों और हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के कुछ अधिकारियों, प्रमोटर्स राकेश और सारंग वधावन के बीच कथित आपराधिक साजिश की जांच कर रहे हैं।
इस मामले में गिरफ्तार वाधवान ने पहले ही दो निजी जेट, एक स्पीड बोट और कई हाई-एंड कारों के सहित 18 जब्त परिसंपत्तियों को बेचने के लिए अपनी सहमति दे दी है। वित्त मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक और प्रवर्तन निदेशालय को 16 अक्टूबर को लिखे गए एक पत्र में उन्होंने “उचित बाजार मूल्य” पर जब्त संपत्ति संपत्ति को बेचने की मांग की थी।