चंदन मिश्र।।
झारखंड विधानसभा का अब तक का इतिहास ही दल-बदल के लिए यादगार रहेगा। लेकिन चौथी विधानसभा (वर्तमान विधानसभा) दल-बदल के लिए खास यादगार होगी। चौथी विधानसभा की शुरुआत ही दल-बदल से शुरू हुई और इसका समापन भी दल बदल से हो रहा है। झाविमो के आठ में से छह विधायक दल बदल कर 2015 की शुरुआत में भाजपा में शामिल कराए गए। सातवें विधायक प्रकाश राम 2019 के अक्तूबर महीने में भाजपा में शामिल हुए। इसी महीने कांग्रेस से सुखदेव भगत और मनोज यादव, झामुमो से जेपी भाई पटेल और कुणाल षाड़ंगी तथा नौजवान संघर्ष मोर्चा के भानु प्रताप शाही भाजपा में शामिल हो गए। कुल मिलाकर देखें तो चौथी विधानसभा में अब तक 14 विधायक दल बदल चुके हैं। झाविमो के आठ में छह विधायकों का मामला स्पीकर के न्यायाधिकरण में लंबी सुनवाई के बाद उनके पक्ष में फैसला आया। इसके बाद अभी छह और विधायकों ने दल-बदल किया।
पहली विधानसभा में चार ने बदले दल, तीन की सदस्यता गई
विधायकों के दल-बदल का झारखंड में साल दर साल रिकार्ड बनता रहा है। झारखंड की पहली विधानसभा (2000 से 2005) के बीच चार विधायकों ने दल-बदल किया था। जदयू के मधु सिंह, लालचंद महतो, रामचंद्र केसरी और बच्चा सिंह ने चुनाव के ठीक पहले सार्वजनिक सभा में राजद की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। इस सभा में राजद प्रमुख लालू प्रसाद मौजूद थे। सभी मीडिया में इनके दल-बदल की खबरें आईं। तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष मृगेंद्र प्रताप सिंह (अब स्वर्गीय) ने छपी खबरों के आधार पर स्वत: संज्ञान लेकर सभी चारों विधायकों को नोटिस भेजा। इसी बीच एक विधायक बच्चा सिंह ने 31 दिसंबर 2004 को अपनी विधायकी से इस्तीफा दे दिया। शेष तीन विधायकों के खिलाफ स्पीकर के न्यायाधिकरण में सुनवाई चली। अंतत: चार जनवरी 2005 को उनकी सदस्यता खारिज कर दी गई।
दूसरी विधानसभा में 12 सदस्यों ने बदले दल, छह की सदस्यता गई
झारखंड की दूसरी विधानसभा में 12 सदस्यों ने दल-बदल किया था। इनमें से तीन सदस्यों ने सुनवाई के दौरान ही इस्तीफा दे दिया था, शेष नौ की सुनवाई के बाद सदस्यता खारिज हो गई। इनमें झामुमो के स्टीफन मरांडी, भाजपा छोड़ झाविमो में शामिल होनेवाले प्रदीप यादव, विष्णु प्रसाद भैया,रवींद्र कुमार राय, मनोहर कुमार टेकरीवाल, कुंती देवी में से प्रदीप यादव और विष्णु भैया ने पहले ही इस्तीफा दे दिया था। शेष विधायकों रवींद्र कुमार राय, मनोहर टेकरीवाल, कुंती देवी की सदस्यता खारिज हो गई। झापा के एनोस एक्का,एनसीपी के कमलेश कुमार सिंह, अखिल भारतीय फॉरवर्ड के भानु प्रताप शाही और कांग्रेस छोड़ राजद में शामिल थॉमस हंसदा की सदस्यता खत्म हो गई। स्टीफन मरांडी के खिलाफ दो मामले चले। जिनमें 2006 में उनके खिलाफ दायर याचिका खारिज हो गई थी, जबकि 2009 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। इनके अलावा बंधु तिर्की, सुदेश महतो के खिलाफ दायर याचिका खारिज हो गई थी।
तीसरी विधानसभा में छह विधायकों ने बदले दल
झारखंड की तीसरी विधानसभा(2009 से 2014) में छह विधायकों ने दल बदले थे। जिनमें सभी विधायक झाविमो के थे। निजामुद्दीन अंसारी झाविमो छोड़ झामुमो में चले गए थे, जिन्होंने कार्र्रवाई शुरू होते ही इस्तीफा दे दिया। इनके अलावा समरेश सिंह, निर्भय कुमार शाहाबादी, जयप्रकाश सिंह भोक्ता और फूलचंद मंडल भी सुनवाई शुरू होने के बाद विधायकी से इस्तीफा दे दिया था। झामुमो के साइमन मरांडी झामुमो छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने भी आखिर में इस्तीफा दे दिया।
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