पाकिस्तान करतारपुर में दरबार साहिब की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों से सेवा शुल्क लेकर अपनी आर्थिक तंगहाली दूर करने की योजना बना रहा है। करतारपुर के श्रद्धालुओं से पाकिस्तान के प्रतिवर्ष 258 करोड़ भारतीय रुपये (लगभग 571 करोड़ पाकिस्तानी रुपये) कमाने की उम्मीद है।
अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि तीर्थयात्रियों से सेवा शुल्क वसूलना पाकिस्तान के लिए विदेशी मुद्रा जुटाने का एक अन्य स्रोत होगा। पाकिस्तान ने गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर की यात्रा करने के लिए पांच हजार तीर्थयात्रियों को अनुमति दी है। पाकिस्तान प्रति तीर्थयात्री 20 डॉलर सेवा शुल्क भी वसूलेगा जिससे उसे हर रोज एक लाख डॉलर की कमाई होगी।
सोमवार को एक अमेरिकी डॉलर 70.95 भारतीय रुपये का था और पाकिस्तान प्रतिदिन 70.95 लाख रुपये की कमाई करेगा। चूंकि तीर्थयात्रा को एक वर्ष में सभी 365 दिनों की अनुमति दी जाएगी इसलिए पाकिस्तान 3,65,00,000 डॉलर कमाएगा। पिछले महीने भारत और पाकिस्तान ने करतारपुर गलियारे के जरिए गुरुद्वारा दरबार साहिब की यात्रा के लिए भारतीय तीर्थयात्रियों को वीजा मुक्त यात्रा पर सहमति जताई थी।
आस्था के नाम पर कारोबार कर रहा पाक : हरसिमरत
चंडीगढ़। केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दर्शनार्थ जाने वाले भारतीय श्रद्धालुओं से सेवा शुल्क के रूप में 20 डॉलर वसूल करने पर अड़े रहने के लिए पाकिस्तान की निंदा की। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश आस्था के नाम पर कारोबार कर रहा है।
हरसिमरत ने ट्वीट किया कि पाकिस्तान द्वारा करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए 20 रुपए डॉलर प्रति व्यक्ति शुल्क लगाया जाना घटियापन है। गरीब श्रद्धालु कैसे यह रकम देगा। पाकिस्तान ने आस्था के नाम पर कारोबार किया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का यह बयान बेहद शर्मनाक है कि यह शुल्क पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा और इससे विदेशी मुद्रा प्राप्त होगी।
करतारपुर श्रद्धालुओं से अपनी आर्थिक तंगी दूर करेगा खस्ताहाल पाकिस्तान
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