नई दिल्ली: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ऑपरेशन क्लीन मनी के तहत कालेधन और कर चोरी से संबंधित मामलों के निपटारे की समय सीमा आगे बढ़ा सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को बताया कि इसकी वास्तविक अवधि 31 जुलाई थी, जिसे बढ़ाकर 30 सितंबर किया गया था। अब इसे 31 दिसंबर किया जा सकता है।
अधिकारी के मुताबिक, ऑपरेशन क्लीन मनी के तहत दो चरणों में 23 लाख से अधिक ऐसे मामलों की पहचान की गई थी, जिनका टैक्स प्रोफाइल नोटबंदी के दौरान जमा कराई गई रकम से मेल नहीं खाता था। इनके पुन: सत्यापन की आवश्यकता थी। उन्होंने बताया कि काम की अधिकता के कारण यह पूरा नहीं हो पाया, इसलिए अब डेडलाइन बढ़ने की संभावना है।
नोटबंदी के दौरान 17.92 करोड़ मामलों की पहचान हुई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा के बाद इन मामलों की पहचान की गई थी। पहले चरण में फरवरी, 2017 से अप्रैल, 2017 के दौरान आयकर विभाग ने 17.92 करोड़ मामलों की पहचान की थी। दूसरा चरण मई 2017 में शुरु हुआ और इस दौरान 5.6 लाख मामलों की पहचान की गई। जिन्हें आयकर विभाग की ओर से नोटिस जारी किए गए थे।
करदाताओं के नोटिस का पालन नहीं करने से देरी
सीबीडीटी सूत्रों ने कहा कि लगातार प्रयास किए जाने और समय सीमा तय होने के बावजूद विभाग कालेधन से जुड़े मामलों का निपटारा नहीं कर सका है। इसमें करदाताओं को नोटिस भेजे जाने के बाद उसका पालन न करने और बैंकों से संबंधित जानकारी मिलने में देरी प्रमुख कारण रहा। उत्तर प्रदेश (पश्चिम) और उत्तराखंड क्षेत्र के आयकर विभाग के प्रधान मुख्य आयुक्त पी के गुप्ता ने कहा- इस कार्यक्रम के तहत 3900 में 1500 मामले अक्टूबर के मध्य तक निपटाए गए।