श्रीनगर:नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला की बहन सुरैया और बेटी सफिया को बीती रात जमानत पर रिहा कर दिया गया। पुलिस ने मंगलवार (15 अक्टूबर) को पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला की बेटी और बहन समेत छह महिलाओं को हिरासत में ले लिया था। ये महिलाएं जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाए जाने और राज्य को दो संघ शासित प्रदेशों में बांटने के विरोध में प्रदर्शन कर रही थीं।
नागरिक स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों की बहाली की मांग करते हुए महिलाओं ने कहा कि उन्हें केंद्र सरकार की तरफ से धोखा और अपमान मिला है। उन्होंने हिरासत में लिए गए लोगों को तत्काल रिहा करने और ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के विसैन्यीकरण की भी मांग की।
वहीं दूसरी ओर, जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद से कश्मीर में लगातार 73वें दिन (16 अक्टूबर) भी मुख्य बाजार बंद रहने और सार्वजनिक वाहनों से सड़कों से नदारद रहने के कारण जनजीवन प्रभावित रहा। अधिकारियों ने बताया कि शहरों और घाटी के अन्य हिस्सों में निजी वाहनों को बिना किसी रुकावट के सड़कों पर चलते देखा गया।
कश्मीर के कुल इलाकों में ऑटो रिक्शा और जिले के भीतर चलने वाली कुछ कैब को सड़कों पर देखा गया लेकिन अन्य सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद रहे। मुख्य बाजार एवं अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। वाणिज्यिक केंद्र लाल चौक समेत कुछ इलाकों में सुबह कुछ घंटे दुकानें खुली रहीं।
अधिकारियों ने बताया कि कुछ विक्रेताओं ने टीआरसी चौक-पोलो व्यू सड़क पर दुकानें लगाईं। उन्होंने बताया कि स्कूल एवं कॉलेज खुले रहे लेकिन अभिभावकों ने अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता के कारण उन्हें स्कूल एवं कॉलेज नहीं भेजा। कश्मीर में सोमवार (14 अक्टूबर) को मोबाइल सेवाएं बहाल कर दी गई थीं लेकिन एक ही घंटे बाद एसएमएस सुविधा एक बार फिर बंद कर दी गई। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत मुख्य धारा के कई नेता अब भी नजरबंद या हिरासत में हैं।
फारुक अब्दुल्ला की बहन और बेटी जमानत पर रिहा, Article 370 के खिलाफ हिरासत में लिए गए थे
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