लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्य नाथ सरकार के एक फैसले से प्रदेश में 25 हजार होमगार्ड बेरोजगार हो गए हैं। प्रदेश सरकार ने बजट का हवाला देकर इनकी ड्यूटी खत्म कर दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस के बराबर वेतन किए जाने के बाद बजट का भार बढ़ गया और इसे संतुलित करने के लिए सरकार ने होमगार्डों की छंटनी कर दी। एडीजी पुलिस मुख्यालय वीपी जोगदण्ड ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
बता दें कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के होमगार्डों के वेतन को लेकर एक आदेश दिया, जिसमें कहा गया कि प्रदेश की पुलिस के सिपाही के बराबर इन्हें वेतन दिया जाएगा। अब लग रहा है कि होमगार्डों को सुप्रीम के आदेश से लाभ की जगह नुकसान ज्यादा हुआ।
जानकारी के मुताबिक कानून व्यवस्था में होमगार्डों की संख्या में करीब 32 फीसदी की कटौती की गई है। वीपी जोगदण्ड के आदेश के मुताबिक 28 अगस्त को मुख्य सचिव की बैठक में ड्यूटी समाप्त करने का फैसला लिया गया। प्रदेश में अबतक 40 हजार होमगार्डों की सेवाएं समाप्त की जा चुकी हैं। बताया जाता है कि होमगार्डों को अब 25 के बजाय 15 दिन की ही ड्यूटी मिलेगी।
दरअसल होमगार्डों को भुगतान उनकी ड्यूटी के आधार पर भुगतान किया जाता है यानी उनकी कोई तय तनख्वाह नहीं होती। प्रदेश में रोटेशन के तहत होमगार्डों को महीने में कम से कम 25 दिन की ड्यूटी मिलती थी, अब उन्हें महीने में 15 दिन ही ड्यूटी मिल पाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक अगर एक होमगार्ड की महीने में 25 दिन ड्यूटी लगती है तो 672 रुपए के प्रतिदिन के हिसाब से उसे 16,800 रुपए मिलते जो कि मौजूदा 12,500 रुपए से ज्यादा है। अब एक होमगार्ड को अधिकतम 15 की ड्यूटी मिलेगी तो इसके हिसाब से उसे महीने में 10,080 रुपए मिलेंगे।
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने 25 हजार होमगार्ड्स को किया बेरोजगार!, बजट का दिया हवाला
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