भारतीय समाज में पवित्रता का प्रतीक है-कन्याएं मुनिश्री जिनेश कुमार जी
पालघर। आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनिश्री जिनेश कुमार जी ठाणा 2 के सान्निध्य में कन्या संगम- 2019 “परिवर्तन” सेमिनार का आयोजन तेरापंथ महिला मंडल, कन्या मंडल द्वारा तेरापंथ भवन में रविवार 13 अक्टूबर को किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की सहमंत्री श्रीमती मधु देरासरिया, मुख्य वक्ता मोटिवेशनल स्पीकर करुणा कोठारी, कार्यकारिणी सदस्य श्रीमती रिना राठौड़ विशेष रूप से उपस्थित थे।
परिवर्तन सेमिनार को संबोधित करते हुए मुनिश्री जिनेश कुमार जी ने कहा भारतीय समाज में पवित्रता का प्रतीक है कन्याएं। कन्याएं समाज के भविष्य का आधार है। कन्याएं समाज की तस्वीर व तकदीर है, कन्याएँ शक्ति है, संस्कृति है, त्याग की प्रतिमूर्ति है, कन्याओं को संस्कारी बनाना घर परिवार व समाज को संस्कारी बनाता है। वह दो घरों को रोशन करने वाली रोशनी है। घर के मंदिर का दीपक है बेटियां, स्वप्न का तिलिस्म है बेटियां, मानव मन का अंतर्मन है बेटियां, पिता की झोली में कुदरत का वरदान है बेटियां, मुनिश्री जी ने आगे कहा परिवर्तन सृष्टि का अटल नियम है। परिवर्तन का अर्थ है क्रांति। बदलना जरूरी है। बदलना तभी सार्थक है, जब हम इंसान से बंदर नहीं बल्कि बूंद से ममंदर बन जाए। ध्येय, श्रमशीलता, सहिष्णुता, सदाचार, संस्कार, सेवा, भावना, सामंजस्य आदि गुणों से कन्याओं का जीवन सफल बन सकता है। कन्याएँ आधुनिक बुराइयों से दूर रहे। अध्यात्म और संस्कारों से जुड़ी रहे।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्रीमती मधु देरासरिया ने कहा परिवर्तन अपेक्षित है पर संस्कार व संस्कृति की सुरक्षा करते हुए। उड़ने के लिए आकाश बहुत है पर पाव जमीन पर होना जरूरी है। मित्रो की अपनी अहमियत है। पर अभिभावक से बड़ा शुभचिंतक कोई नही है। मुख्य वक्ता करुणा कोठारी ने कहा कन्याएँ हीरे है। इनकी सुरक्षा समाज की सुरक्षा है। कन्याओं का आध्यात्मिक विकास सर्वांगीण विकास का हेतू बन सके।
मुनिश्री परमानंद जी ने कहा जब बात चेतन मन से अवचेतन मन के पहुचती है तो परिवर्तन घटित होता है। कार्यक्रम का शुभारंभ हेतल बाफना के द्वारा महाप्रज्ञ अष्टकम से हुआ। स्वागत भाषण तेरापंथ कन्या मंडल की संयोजिका पिंकी चपलोत ने किया। तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष्या संगीता बाफना, कन्या मंडल प्रभारी निधि सिंघवी, सभा अध्यक्ष नरेश जी राठौड़ , अभातेममं कार्यकारिणी सदस्य प्रेमलता जी सिसोदिया ने अपने विचार व्यक्त किए। तेरापंथ कन्या मंडल पालघर ने मोनो एक्ट की प्रस्तुति देते हुए परिवर्तन गीत का मधुर संघान किया। आभार ज्ञापन सह प्रभारी दीपिका बदामिया ने व कार्यक्रम का संचालन पूर्व संयोजिका भावना बाफना ने किया। कन्या संगम 2019 परिवर्तन में पालघर,बोईसर, वसई, सफाला, केलवा रोड आदी क्षेत्रों से 40 कन्याओं ने भाग लिया। कार्यक्रम में जैन विद्या महाराष्ट्र प्रभारी विमलाजी डागलिया, अभाममं कार्यकारिणी सदस्य रिना राठौड़ आदि गणमान्य व्यक्ति विशेष रुप से उपस्थित थे। कार्यक्रम के सफल बनाने में तेरापंथी सभा, तेरापंथ महिला मंडल, कन्या मंडल, किशोर मंडल आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा। यह जानकारी दिनेश राठौड़ ने दी।
पालघर में कन्या संगम- 2019 “परिवर्तन” सेमिनार का सफल आयोजन
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