मुंबई:पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का नया अध्यक्ष बनना तय हैं। वे अगर अध्यक्ष बनते हैं, तो उनका कार्यकाल सितंबर, 2020 तक होगा। गांगुली ने अध्यक्ष पद के लिए अपना नाम तय होने पर कहा, ‘ये मेरे लिए कुछ अच्छा करने का शानदार मौका है। मैं ऐसे समय में इस कुर्सी पर बैठ रहा हूं, जब बोर्ड की छवि लगातार खराब हो रही है।’ बोर्ड अध्यक्ष पद के लिए गांगुली का नाम रविवार रात मुंबई में बीसीसीसीआई की बैठक में सामने आया। उन्होंने इस रेस में बृजेश पटेल को पीछे छोड़ा।
गांगुली ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘आपको आखिरी निर्णय के लिए आज दोपहर 3 बजे तक इंतजार करना होगा।’ अध्यक्ष पद के लिए नाम आगे होेने पर कैसा लगा रहा है? इस सवाल पर पूर्व कप्तान ने कहा, ‘बिल्कुल मुझे अच्छा लग रहा है, क्योंकि मैंने देश के लिए खेला और कप्तानी की है। इस कुर्सी पर बैठ रहा हूं, जब बोर्ड की छवि पिछले 3 साल से लगातार खराब हो रही है़। मेरे लिए यह काफी अच्छा मौका है।’
गांगुली का कार्यकाल 10 महीने का ही होगा
गांगुली अगर अध्यक्ष बनते हैं, तो उनका कार्यकाल अगले साल 2020 तक होगा। वे 5 साल से बंगाल क्रिकेट के अध्यक्ष हैं। बोर्ड में 6 साल तक किसी पद पर रहने के बाद उन्हें कूलिंग ऑफ (आराम) दिया जाएगा। बोर्ड में कोई भी सदस्य 9 साल तक किसी पद पर रह सकता है। अपने प्रशासनिक गुरु जगमोहन डालमिया की तरह ही गांगुली इस पद की रेस में तब आए हैं, जब ऐसा लग रहा था कि अध्यक्ष कोई और पहुंचेगा।
‘मेरी पहली प्राथमिकता प्रथम श्रेणी क्रिकेट’
गांगुली ने आगे कहा, ‘छोटे कार्यकाल में मेरी पहली प्राथमिकता प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की देखभाल करना होगा। भारतीय क्रिकेट में सभी हितधारकों से मिलने की योजना है। मैं कुछ ऐसा करना चाहता हूं जो सीओए ने 33 महीनों तक नहीं किया।’ गांगुली ने 113 टेस्ट में 7212 और 311 वनडे में 11363 रन बनाए। वे साल 2000 से 2005 तक टीम इंडिया के कप्तान थे। इसके बाद पिछले 5 साल से गांगुली बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं।
गांगुली गृह मंत्री अमित शाह से मिले थे
गांगुली ने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। उनसे पूछा गया कि क्या वे बंगाल में भाजपा के लिए प्रचार करेंगे, तो गांगुली ने इससे मना कर दिया। उन्होंने कहा, ‘नहीं, नहीं ऐसा नहीं है। मुझसे किसी ने भी इस पर बात नहीं की।’
डालमिया मेरे लिए पिता समान थे: गांगुली
गांगुली जब टीम इंडिया के कप्तान थे, तब जगमोहन डालमिया बोर्ड के अध्यक्ष थे। डालमिया ने बोर्ड में कई अहम बदलाव किए थे। उनके बारे में पूछे जाने पर गांगुली भावुक हो गए। उन्होंने कहा, ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि उनकी कुर्सी पर बैठूंगा। वे मेरे लिए पिता समान थे। बोर्ड में श्रीनिवासन, अनुराग ठाकुर जैसे कई बेहतरीन अध्यक्ष हुए हैं, जिन्होंने अच्छा काम किया।’
अनुराग गुट ने गांगुली का नाम आगे किया
गांगुली अध्यक्ष पद के लिए निर्विरोध चुने जा सकते हैं। उनके नाम पर सहमति से पहले कई सदस्यों ने आपत्ति जताई। इस फैसले को लेकर बोर्ड के सदस्य दो गुट बंटे थे। इनमें एक अनुराग ठाकुर और दूसरा एन श्रीनिवासन का गुट था। श्रीनिवासन गुट बृजेश को अध्यक्ष बनाना चाह रहा था, लेकिन अंत में अनुराग गुट के उम्मीदवार के नाम पर ही सहमति बनी। गांगुली ने कहा, ‘निर्विरोध चुना जाना बड़ी जिम्मेदारी होती है। आप निर्विरोध चुने जाए या नहीं, जिम्मेदारी हमेशा बड़ी होती है। आर्थिक रूप से भारत क्रिकेट में पावरहाउस है। इसलिए हमारे सामने कई चुनौतियां होंगी।’
जय शाह सचिव और अरुण धूमल कोषाध्यक्ष बन सकते हैं
अमित शाह के बेटे जय शाह को सचिव पद के लिए चुना जा सकता है। बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष और वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर के छोटे भाई अरुण धूमल कोषाध्यक्ष बन सकते हैं। सोमवार बीसीसीआई के विभिन्न पदों के लिए नामांकन भरने का आखिरी दिन है, लेकिन चुनाव होने के आसार नहीं हैं। कई दिनों से जारी लॉबिंग के बाद सभी उम्मीदवार निर्विराेध चुने जा सकते हैं।
गांगुली ने कहा- मैं ऐसे समय में अध्यक्ष बन रहा हूं, जब बोर्ड की छवि लगातार खराब हो रही
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