ठाणे। साध्वी श्री आणिमाश्रीजी एवं साध्वी श्री मंगलप्रज्ञाजी के सानिध्य में ठाणे तेरापंथ भवन में ज्ञानशाला दिवस पर ठाणे एवं भायंदर ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों का भव्य व शानदार कार्यक्रम आयोजित हुआ। गणतंत्र दिवस की थीम पर ठाणे ज्ञानशाला द्वारा सुव्यवस्थित, सुनियोजित एवं आकर्षक रैली निकाली गई, जिसमे बच्चो के साथ उनके अभिभावक भी शामिल रहे। बच्चों ने अहिंसा पर नुक्कड़ नाटिका की रोचक व प्रेरणादायक प्रस्तुति दी। सैकड़ो राहगीरों ने बच्चों द्वारा प्रस्तुत इस नुक्कड़ नाटिका की प्रशंसा व सराहना की। भायंदर ज्ञानशाला ने भी रैली के साथ सभा-भवन में प्रवेश किया।
मुख्य कार्यक्रम को संबोधित करते हुए साध्वी आणिमाश्रीजी ने कहा गुरुदेव श्री तुलसी ने संस्कारो की अमूल्य संपदा की सुरक्षा करने जे लिए ज्ञानशाला का उपक्रम शुरू करवाया ताकि बच्चो में धार्मिक एवं चारित्रिक संस्कार सुदृढ़ बन सके। विनम्रता, सहनशीलता, प्रमाणिकता व्यवहार कुशलता आदि सद्गुणों से बालक के शुभ भविष्य का निर्माण हो सके। ज्ञानशाला संस्कारो के अभुदय की प्रयोगशाला है। ज्ञानशाला संस्कार निर्माण की महत्त्वपूर्ण पाठशाला है। संस्कारो की खुराक न मिलने पर बच्चे विकृतियों से घिर जाते है। संस्कारो के अभाव में बच्चोके विकास में अवरोध उतपन्न हो जाता है। संस्कारो की उर्वर भूमि में ही व्यक्तित्त्व का सर्वांगीण विकास संभव है। इसीलिये अभिभावक अपने सुखद भविष्य के लिए जागरूक बने एवं अपने लाडलों को संस्कारों की पाठशाला ज्ञानशाला में जरूर भेजें। मैं साधुवाद देना चाहती हूं इन प्रशिक्षिकाओ को जो इन बच्चों को संस्कारी बनाने के लिए अमूल्य समय का नियोजन कर रही है।
साध्वी सुधाप्रभाजी ने अपने विचारों की प्रस्तुति देते हुए कहा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा सांस्कृतिक व नैतिक मूल्यों पर होनेवाले हमलों से बचने के लिए भावी पीढ़ी को संस्कारी बनाना बहुत ही जरूरी है। यह काम ज्ञानशाला के माध्यम से अच्छे ढंग सभो रहा है। आज अपेक्षा है कि संस्कारो की संपदा की सुरक्षा के लिए हर अभिभावक जागरूक बने एवं बच्चो को ज्ञानशाला में भेजकर इनके भविष्य को संवारे।
साध्वी मंगलप्रज्ञाजी ने बच्चों के आई-क्यू के साथ साथ ई-क्यू व एस-क्यू को भी सुधारने की बात कही। जब तक भावनात्मक व आद्यात्मिक विकास नही होगा तब तक कोई भी बालक सफलता के आंशु-शिखर पर आरोहण नही कर पायेगा। ई-क्यू व एस-क्यू लेवल को बढ़ाने के लिए ज्ञानशाला सर्वोत्तम शाला है।
ठाणे ज्ञानशाला में बच्चों ने अंहिसा नाटक का सुंदर मंचन के परिषद को एनिसल फ्री प्रोडक्ट यूज करने की बात कही। कोपरी क्षेत्र के बच्चों ने ज्ञानशाला सॉन्ग की शानदार प्रस्तुति देकर परिषद की खूब वाहवाही लूटी।
भायंदर ज्ञानशाला के बच्चों ने डोन्ट वेस्ट फूड पर आकर्षक नाटिका का मंचन कर भोजन के महत्त्व को समझाने की कोशिश की। भायंदर ज्ञानशाला प्रशिक्षिका ममता भंडारी, संगीता हिंगड़, ललिता लोढ़ा, श्वेता वागरेचा, सुचित्रा वागरेचा, चंदा कोठारी, कुसुम खावया, वनीता गुंदेचा, रिंकू भंडारी ने गीत की प्रस्तुति दी।
ठाणे ज्ञानशाला की मुख्य प्रशिक्षिका भारती सिंघवी ने स्वागत भाषण दिया। सभा मंत्री जितेंद्र बरलोटा, कोलकाता से समागत कल्याण मित्र कैलाश गोयल, ठाणे तेयुप प्रभारी मनोज सकलेचा ने अपने भावों की प्रस्तुति दी। विनीता मेहता ने संचालन किया व मीनाक्षी श्रीश्रीमाल ने मंगल संगान किया।
प्रशिक्षिका प्रिया मुथा, निशा भदेवरा, सिमा चौरड़िया, वीणा सेठिया, सुनीता कच्छारा, रश्मि कोठारी, सोनल सांखला, मनीषा मेहता का बच्चो की तैयारी करवाने में भरपूर श्रम रहा।
ज्ञानशाला संयोजक सुभाष हिंगड़, सहसंयोजिका अनिता धारिवाल, संजय कटारिया, राजेशजी भटेवरा का श्रम भी सराहनीय रहा।
वीणा सेठिया, सुनीता कच्छारा, संगीता चंडालिया, प्रकाश सिंघवी, अनिता पालरेचा, कुसुम कटारिया, रेखा हिंगड़, अलका श्रीश्रीमाल, मनीषा मेहता, सोनल सांखला , निशा भटेवरा, पुष्पा पगारिया व आदि प्रिशिक्षिकाओ का विशारद एवं स्नातक उत्तीर्ण होने पर सम्मान किया गया। ज्ञानशाला में वॉइस ऑफ सुपर स्टार में द्वितीय स्थान प्राप्त मास्टर पार्थ दुग्गड़ का सम्मान किया गया।
संस्कारो के अभ्युदय की प्रयोगशाला है ज्ञानशाला – साध्वी श्री आणिमाश्रीजी
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