न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्ष जोआना रोनेका ने गुरुवार को भारत द्वारा अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के संबंध में पाकिस्तान के उस पत्र पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जिसमें जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया गया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्री धमकी भरे लहजे में यह कह चुके हैं कि वह अनुच्छेद 370 के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में लेकर जाएंगे। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्ष के पाकिस्तान के पत्र पर कोई टिप्पणी न करने के जवाब ने काफी कुछ साफ कर दिया है। पाकिस्तान अब चीन की शरण में जा गया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी चीन के दौरे पर हैं। वहां वह चीन के विदेश मंत्री वांग यी और अन्य नेताओं से मुलाकात करेंगे। शाह महमूद वहां जम्मू-कश्मीर का ही मुद्दा प्रमुखता से उठाएंगे, ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं।
दरअसल, न्यूयॉर्क में एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्ष से पाकिस्तान द्वारा अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के संबंध में लिखे गए पत्र पर प्रतिक्रिया मांगी गई। उन्होंने इस सवाल को गंभीरता से पूरा सुना और इसके बाद कहा- कोई टिप्पणी नहीं(नो कमेंट्स)।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य के दर्जे से बाहर करने के फैसले पर पाकिस्तान बौखला गया है। पाकिस्तान की ओर से भारत पर इस मुद्दे पर दबाव बनाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। हालांकि, अभी तक पाकिस्तान के हाथ निराशा ही लगी है। ज्यादातर देश इसे भारत का आंतरिक माला ही बता रहे हैं। ऐसे में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को पत्र लिखकर दावा किया था कि जम्मू और कश्मीर में धारा 370 को रद्द करने से यूएनएससी के प्रस्ताव का उल्लंघन हुआ है। इससे पहले, गुटेरेस ने भारत और पाकिस्तान दोनों से अधिकतम संयम बरतने की अपील की थी और कहा था कि वह जम्मू-कश्मीर में स्थिति का अनुसरण कर रहे हैं।
भारत सरकार ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को रद कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया। एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि मुझे लगता है कि हमने अपनी अभिव्यक्ति व्यक्त कर दी है। हमने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि हम इस क्षेत्र में चिंता के साथ घटनाक्रमों का अनुसरण कर रहे हैं। महासचिव स्टीफन दुजारिक के प्रवक्ता ने मंगलवार को दैनिक प्रेस वार्ता में कहा कि हम सभी पक्षों से संयम बरतने का आग्रह करती है। उनसे पूछा गया कि क्या महासचिव का मानना है कि कश्मीर के विशेष दर्जे को रद करने का भारत का निर्णय संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन है। इसपर वह चुप रहे इसके बाद उनसे फिर जवाब देने के लिए जबाव डाला गया तो डुजारिक ने कहा नहीं, नहीं, मैं समझता हूं कि आप मुझसे क्या पूछना चाह रहे हैं। लेकिन, दुर्भाग्य से आपको इस बिंदु पर मेरे जवाब के रूप में चुप्पी से ही समझौता करना होगा।
पाकिस्तान के अनुच्छेद 370 पर लिखे लेटर पर टिप्पणी करने से UNSC की अध्यक्ष का इनकार
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