जब-जब भी कारिगल की बात होती है, तब-तब पाकिस्तान की करारी हार का जिक्र भी होता है। पाकिस्तान को कारगिल की चोटियों से खदड़ने के सालाना जश्न के रूप में भारत में हर साल 26 जुलाई को विजय दिवस भी मनाया जाता है। भारत में जब-जब भी कारगिल का जिक्र होता है तब-तब शौर्य गाथाएं सामने आती हैं, जबकि पाकिस्तान में कारगिल गैंग ऑफ फोर की भयानक गलतियों के रूप में याद किया जाता है। शायद यही कारण है कि कारगिल की प्लानिंग करने वाले चोटी के चार अधिकारियों को वहां पर गैंग ऑफ फोर या डर्टी फोर भी कहा जाता है।
इस लेख में हम गैंग ऑफ फोर और उनकी बचकाना गलतियों पर भी नजर डालेंगे। पहले संक्षिप्त रूप से जान लेते हैं कारगिल कहां है? और भारतीय सेनाओं ने कैसे कारगिल से पाकिस्तानी घुसपैठियों को मार भगाया और कैसे पाकिस्तान की दुनियाभर में किरकिरी हुई। कारगिल जम्मू-कश्मीर का हिस्सा है। यह गुलाम कश्मीर (पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर) से एलओसी के करीब 10 किलोमीटर अंदर भारतीय सीमा में स्थित है। साल 1999 में पाकिस्तानी घुसपैठियों ने धोखे से कारगिल की चोटियों पर कब्जा कर लिया था। मई से जुलाई 1999 तक भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय चलाकर न सिर्फ घुसपैठियों को यहां से भागने पर मजबूर कर दिया, बल्कि पूरी दुनिया में पाकिस्तान को बेनकाब भी कर दिया।
भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 700-1200 सैनिकों को मार गिराया। चूंकि, पाकिस्तानी घुसपैठियों ने कारगिल की चोटियों पर कब्जा किया हुआ था, इस वजह से भारत की तरफ से भी 527 सैनिक शहीद हुए। भारत ने न सिर्फ एलओसी पर पाकिस्तान को धूल चटाई, बल्कि समुद्र में भी पाकिस्तान की नाकेबंदी कर दी। इससे उसका समुद्री व्यापार प्रभावित हुआ और बाद में तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने माना कि अगर भारत के साथ युद्ध और आगे चलता तो उनके पास सिर्फ छह दिन का तेल बचा हुआ था। यानि पाकिस्तान के लड़ाकू विमान ईंधन के आभाव में खड़े रह जाते, सेनाएं एक जगह से दूसरी जगह मूव नहीं हो पाती और देश की अर्थव्यवस्था चरमरा जाती। यह सब होता गैंग ऑफ फोर के डर्टी गेम की वजह से।