नई दिल्ली (ईएमएस)। सीपीएम ने विभिन्न वामपंथी विचारकों, सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस की छापेमारी की निंदा करते हुये इसे सरकार की दमनकारी नीतियों का नतीजा बताया है। सीपीएम नेता प्रकाश करात ने कहा कि यह लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इन सभी लोगों के खिलाफ दर्ज केस वापस लिए जाए और उन्हें रिहा किया जाए।
मंगलवार को माकपा पोलित ब्यूरो ने एक बयान जारी कर कहा कि भीमा कोरेगांव में दलितों के विरूद्ध हिंसा की घटनाओं के बाद से महाराष्ट्र पुलिस केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर दलित अधिकार कार्यकर्ताओं और वकीलों को निशाना बना रही है। पार्टी ने हिंसा पीड़ितों के मुकदमे लड़ रहे वकीलों और इनकी मदद कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं के विरूद्ध गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून की विभिन्न धाराओं के तहत इनके खिलाफ फर्जी मामले दर्ज किये जाने का आरोप लगाया। पोलित ब्यूरो ने इसे नागरिक स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बताते हुए हिरासत में लिए गए सामाजिक कार्यकर्ताओं को तत्काल प्रभाव से रिहा करने और इनके विरुद्ध दर्ज किये गये मामले वापस लेने की मांग की है।
वरवर राव, सुधा भारद्वाज की गिरफ्तारी लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला : प्रकाश करात
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