नई दिल्लीे:चंद्रयान-2 से प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण इसरो के वैज्ञानिक स्वयं करेंगे। सभी आंकड़े नासा सहित किसी दूसरी विदेशी एजेंसी से साझा नहीं किए जाएंगे। इसरो स्वयं इन आंकड़ों का विश्लेषण कर कई शोध पत्र प्रकाशित करने की तैयारी में है।
स्वदेशी पर जोर : चंद्रयान-2 में इसरो ने विदेशी उपकरणों को शामिल करने से परहेज किया। इसमें 13 उपकरण भारतीय एजेंसियों के हैं। जबकि एकमात्र लेजर रेट्रोरिफ्लैक्टर ऐरे (एलआरए) उपकरण नासा का है। एलआरए का काम केवल धरती और चांद के बीच की दूरी का आकलन करना और चंद्रमा पर लैंडर की स्थिति का पता लगाना है। सूत्रों ने कहा कि इस मायने में यह अहम उपकरण नहीं है।
नासा को सीधे आंकड़े नहीं : सूत्रों ने बताया कि एलआरए के आंकड़े भी सीधे नासा को प्राप्त नहीं होंगे बल्कि इसरो मुहैया कराएगा। चंद्रयान-2 में भेजे जा रहे सभी 14 पे लोड में आठ आर्बिटर में हैं, जबकि लैंडर में चार तथा रोवर में दो हैं। रोवर चूंकि चांद की सतह पर चलकर कुछ नमूने एकत्र करेगा और उनका विश्लेषण कर सीधे इसरो को प्रक्षेपित करेगा। इसलिए रोवर के आंकड़ों को सबसे अहम माना जा रहा है।
चंद्रयान-1 से सबक : चंद्रयान-1 में लगे नासा के उपकरण मून मिनरोलॉजी मैपर (एम-3) ने चांद पर पानी के संकेत दिए थे। यह आंकड़े इसरो के पास थे और नासा को दिए गए थे। लेकिन नासा ने इसका विश्लेषण कर पानी होने की पुष्टि की। इस प्रकार आंकड़े जुटाने के बावजूद श्रेय नासा को मिल गया।
चंद्रयान-2 का आज दोपहर प्रक्षेपण
बेंगलुरु। चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण सोमवार को दोपहर 2:43 बजे किया जाएगा। इसरो प्रमुख के शिवन ने रविवार को कहा कि प्रक्षेपण से पहले 20 घंटे की उल्टी गिनती होगी। यह रविवार शाम 6:43 बजे शुरू होगा। उन्होंने कहा कि सभी एहतियाती परीक्षण पूरे कर लिए गए हैं। बता दें कि चंद्रयान-2 को पहले 15 जुलाई को तड़के 2:51 बजे लांच किया जाना था, लेकिन तकनीकी गड़बड़ी के चलते महज 56 मिनट पहले प्रक्षेपण को रोकने का फैसला किया था।