जलगांव। शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी सुशिष्या साध्वी श्री निर्वाण श्रीजी ठाणा-6 कि प्रबल प्रेरणा से जलगाव में तप की शीतल बयार चल रही है।तप वर्धापन के प्रथम चरण के कार्यक्रम का समायोजन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ परिसंपन्न हुआ। तप के संदर्भ में अपने उद्गार व्यक्त करते हुए विदुषी साध्वी श्री निर्वाण श्री जी ने कहा – तपस्या मोक्ष का मार्ग है ,तप देखा देखी नहीं होता वह भीतर से प्रेरणा जागने पर ही होता है जलगांव में भाई बहनों ने हिम्मत का परिचय देते हुए अपना नाम तप में लिखाया है, यह तो अभी प्रारंभ है रक्षाबंधन के अवसर पर तो विशेष भेंट देने के लिए सबको कृतसंकल्प होना है। तपस्या से कर्मों का तो शोधन होता ही है और शरीर की भी शुद्धि होती है प्रबुद्ध साध्वी श्री डॉ योगक्षेमप्रभा जी ने अपने प्रेरक वक्तव्य में कहा कि जब संकल्प बल जगता है नामुमकिन भी मुमकिन बन जाता है। साध्वी श्री ने तप का आवाहन किया और हमारे लगभग 45 भाई बहनों ने दृढ़ता के साथ इस दिशा में कदम बढ़ाया हम आपके तपोबल का अनुमोदन करते हैं। कर्म निर्जरा के इस उपक्रम से जुड़कर तप की अलख जगाएं।
इस अवसर पर साध्वी योगक्षेम प्रभाजी, साध्वी लावण्यप्रभा जी, साध्वी कुंदनयशा जी ,साध्वी मुदितप्रभा जी एवं साध्वी मधुर प्रभा जी ने समवेत स्वरों में साध्वी श्री के साथ तप अनुमोदना का करीब 16 गाथा का गीत सुनाया जिसे सुनकर सभी भाई बहन भाव विभोर हो गए। भावों की अभिव्यक्ति के क्रम में अनिल सांखला, माणकचंदजी बॆद ,कंचन देवी छाजेड़ , सरला ललवाणी, पवन बोथरा, रीटा बॆद ,माणकचंद जी चोरडिया, नम्रता सेठिया, राजेश धाडेवा, कीर्ति शामसुखा आदि ने तपस्वी के तप का वर्धापन किया।
संचालन सभा के मंत्री नोरतमल चॊरडिया ने किया। वर्तमान में तप के क्रम में शुभकरण जी बॆद ( 21दिवस) ,कंचन छाजेड़ (10 दिवस) भारती बेदमुथा माणकचंदजी बॆद ,पवन जी सामसुखा ,संतोष छाजेड़ ,निर्मला छाजेड़ (9,दिन), निशांत बोथरा, प्रिया बोथरा, मुस्कान डागा, मनोज चौरड़िया, पूष्पा मालू ,राजू सेठिया (अठाई) का क्रम चल रहा है। छह भाई बहनों ने तप पूर्ण कर लिया है एवं 40 भाई बहनों की तप का क्रम चल रहा। यह जानकारी तेरापंथी सभा जलगांव के सचिव नोरतमल चोरडिया ने दी।
सावन की फुहारों के साथ आई जलगांव में तप की बहार
Leave a comment
Leave a comment