अन्ना हजारे ने कहा कि शिकायत दर्ज करने से पहले उन्होंने सरकार को एक पत्र लिखा था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। हाल ही में शीर्ष अदालत ने बंबई हाई कोर्ट के एक आदेश को खारिज करते हुए सीबीआई को हजारे को इस मामले में सरकारी गवाह बनाने का निर्देश दिया था। हाई कोर्ट ने पवनराजे निम्बालकर की विधवा आनंद देवी निम्बालकर की यह अर्जी खारिज कर दी थी कि अन्ना हजारे को इस मामले में गवाह बनाया जाए।
आनंद देवी ने अपनी अर्जी में दावा किया था कि अन्ना हजारे एक अहम गवाह हैं क्योंकि उन्हें पवनराजे निम्बालकर की हत्या के लिए मुख्य आरोपी और राज्य के पूर्व मंत्री पद्मसिंह पाटिल द्वारा रची गई साजिश की जानकारी थी। पवनराजे निम्बालकर और उनके ड्राइवर समद काजी की 3 जून, 2006 को मुंबई पुणे एक्सप्रेस राजमार्ग पर कलंबोली के समीप उनकी कार में हत्या कर दी गई थी। सीबीआई के अनुसार, पाटिल ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता की वजह से निम्बालकर की हत्या की साजिश रची थी।