उत्तर प्रदेश/बस्ती:- समाज में व्याप्त समस्याओं का अवलोकन और आकलन वही व्यक्ति कर सकता है जो वास्तव में समाज के बीच और समाज में रहता हो। चुनाव आते ही नेताओं के बड़े-बड़े वादों से जनमानस गुमराह हो जाता है, वह अपनी समस्याओं के निवारण की अपेक्षाएं नेताओं से करता है लेकिन चुनाव जीत जाने के बाद नेता क्षेत्र में व आम जनमानस की समस्या सुनने से भी कतराते हैं। जिस तरीके से योगी सरकार ने गड्ढा मुक्त अभियान चलाकर सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का दावा किया था, समस्याएं जस की तस बनी हुई है। गड्ढा मुक्त के नाम पर करोड़ो रुपए मुक्त हो गए परंतु सड़कों के गड्ढे अभी भी वही हैं लोग पुराने ढर्रे पर अभी भी चलने को मजबूर हैं। शासन प्रशासन की संवेदनहीनता के बारे में क्या कहा जाए, लोगों की समस्याएं इनको अब तो नदारद सी लगने लगी।
स्टेट हाईवे कहे जाने वाले बस्ती पैकोलिया मार्ग की हालत भी कुछ ऐसी है, जिस पर चलना खतरों से खाली नहीं है। गड्ढों की वजह से आए दिन इस मार्ग पर दुर्घटनाएं होती रहती हैं। यातायात की द्रृष्टि से बस्ती से पश्चिम रहने वालों के लिए यह मार्ग बहुत ही महत्वपूर्ण है, बस्ती से पैकोलिया मार्ग, पैकोलिया से आगे बढ़ते हुए परसरामपुर, लकड़मंडी, अयोध्या को जोड़ती है और पैकोलिया से होते हुए बभनान, गोंडा
तक जाती है। इस मार्ग से लाभान्वित होने वाले चौराहे गनेशपुर, दुबौला, टिनिच, गौर, एकटेकवा, बेलघाट, जलेबीगंज, मुसहा, पचपेड़वा आदि है। बस्ती की लगभग एक चौथाई जनता इसी क्षेत्र में निवास करती है जिसका सीधा संबंध बस्ती-पैकोलिया मार्ग से है। बावजूद शासन व प्रशासन की उदासीनता चिंता का विषय है।
बस्ती से पैकोलिया मार्ग अभी भी गड्ढा युक्त, आखिर कब ध्यान देगा शासन-प्रशासन।
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