टैटू बनवाना आज के समय में सभी की पसंद बन चुका है। टैटू को लोग इतना अधिक पसंद करते हैं कि सीधे टैटू बनवाने लगते हैं।अधिकतर लोगों के शरीर के किसी भी अंग पर टैटू बना होता है। इसका क्रेज इतना अधिक है कि जब भी लोग टैटू बनवाते हैं तो ये भूल ही जाते हैं कि कैसे और किस जगह से बनवाना चाहिए। टैटू मशीन द्वारा बनाया जाता है जिससे दर्द भी होता है। शरीर के जिस स्थान पर यह टैटू बनाना है उस स्थान को अच्छे से साफ करके बाल हटाए जाते हैं फिर उस स्थान को सर्जिकल स्प्रीट लगाकर जीवाणुरहित किया जाता है। फिर टैटू बनवाने वाले की इच्छा के अनुसार डिजाइन तय कर उस डिजाइन की आउटलाइन की जाती है। उसके बाद स्किन के रंग का ध्यान रखते हुए मशीन में नई नीडल लगा उसे इंक मे डुबोकर डिजाइन के अंदर रंग भरा जाता है। टैटू बनवाने से पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना जरूरी है ।
इंक टेस्ट जरूर करवाएं
पहले त्वचा पर टैटू की इंक का टेस्ट करवाएं जिससे आपको पता चल जाए कि कहीं टैटू से आपकी त्वचा पर कोई एलर्जी तो नहीं होगी। कई बार लोग पैच टेस्ट को तवज्जो नहीं देते और समस्या का सामना करना पड़ता है तथा इसकी कीमत इन्हें अपनी त्वचा पर हुई एलर्जी से चुकानी पड़ जाती है। डिस्पोजेबल ग्लब्स और नीडिल्स को प्रत्येक बार प्रयोग किया जा सकता है जिससे कंटामिनेशन के सभी चांस से बचाव हो सकता है। धातुओं से होने वाली एलर्जी से बचाव के लिये उपयुक्त ज्वैलरी उपयोग करें। यदि आर्टिस्ट साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखेगा आपको स्किन से जुडी बीमारी हो सकती है जैसे एचआईवी, हेपेटाइटिस तक हो सकता है।
टैटू हमेशा एक्सपर्ट से ही बनवाएं
जब भी टैटू बनवाएं तो ऐसा पियर्सिंग स्टूडियो चुनें जहां अनुभवी यानी एक्सपीरियंस हो। स्थान पर हाइजीन और साफ-सफाई की जांच करें। अपनी पियर्सिंग कराने के लिये अनुभवी व्यक्ति चुनें और पियर्सिंग को लेकर कोई शंका होने पर उनसे प्रश्न करें। जांच लें कि टूल्स या इक्विपमेंट्स स्टेरिलाईज किये गये हैं सभी अच्छे स्टूडियो में आटोक्लेव होता है जो एक हीट स्टेरिलाइजेशन मशीन होती है। यह टूल आटोक्लेव द्वारा स्टेरिलाइज नहीं किए जा सकते उनको नियमित रूप से और हर बार उपयोग के बाद डिसइन्फेक्टेंट्स से साफ किये जाने की ज़रूरत होती है। रियूजेबल पियर्सिंग गन से पियर्सिंग न करायें।
टैटू बनवाने के बाद किसी भी प्रकार का संक्रमण या परेशानी लगे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। इसकी अनदेखी महंगी पड़ सकती है। इसके अलावा यह भी जान लें कि स्थायी टैटू के बाद करीब एक साल तक आप रक्तदान नहीं कर सकते हैं।