जलगांव। महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या साध्वीश्री निर्वाणश्रीजी आदि ठाणा-6 के पावन सान्निध्य में अभातेममं द्वारा निर्देशित कार्यशाला” सिंचन” का सफल आयोजन हुआ। राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती कुमुद जी कच्छारा की अध्यक्षता में यह कार्यशाला connection with next generation* जैन हिल्स,जलगांव में आयोजित हुई। प्रकृति के सुरम्य प्रांगण में भक्ति और शक्ति के प्रतीक केसरिया परिधान में कार्यशाला अत्यंत मनमोहक रही। उपस्थित महिला समाज को संबोधित करते हुए विदुषी साध्वीश्री निर्वाणश्री जी ने कहा- आप रिश्तों के साथ दो शब्द अपने मन में स्थित कर दें। सम्यक् चिंतन-सबका चिन्तन सही हो। कभी चिन्तन को नकारात्मक न बनाएं। सम्बंधो की कटूता नहीं बढेंगी न जिंदगी आनंदमय बन जाएगी। सम्यक् व्यवहार रिश्तों की समरसता का मूलाधार है। यदि व्यवहार में समता हो तो दो व्यक्ति आपस में जुडे़गें। दे सकें तो दूसरों को स्नेह दे ,वात्सल्य दे, पर तर्क से अपनी शक्ति न खर्च करें। आज सबसे ज्यादा जरूरत है सम्यक् व्यवहार की , जो परस्पर के विश्वास से ही संभव है।
कार्यशाला की निर्देशिका प्रबुद्ध साध्वीश्री डा.योगक्षेमप्रभाजी ने अपने संयोजकीय वक्तव्य में कहा– रिश्तों का ” आर “आपकी रिस्पोन्सिबिलिटी की और इंगित करता है। “s” रिश्तों का “आई” इंटरएक्सन विध इंपिरेशन की प्रेरणा देता है। “एस” से सिंपेथि के साथ सुख -दुःख बांटे। “टी” से टोलरेंस और “ए” से एक्सप्टेस सीखें। तो रिश्तों की कीताब फूलों का महकता गुलदस्ता बनेंगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रखरवक्ता कुमुद जी कच्छारा ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा- आज की पीढ़ी रिश्तों की ए, बी , सी, डी. की नींव पर नए युग में प्रवेश कर गई। आज की पीढ़ी स्पष्ट है है पर दिल से साफ है। एक्सेप्ट करे एडजस्ट भी करें। आरग्यूमेंट न करें। -एब्यूज न करें। विश्वास करें जिससे परिवार में शक न हो। वेटर टू बेस्ट बने। संवादिता स्थापित करें।
कार्यक्रम का शुभारंभ महिला मंडल के गीत- हे संकल्प, सत्य, शिव सुंदर के मधुर संगान से हुआ। मंडल की अध्यक्ष संतोष छाजेंड़ ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। श्रीमती निर्मला छाजेंड़ ने सभी अतिथियों का परिचय देते हुए पचरगें दुपट्टे से सबका स्वागत करवाया जिन्हें तेरापंथ महिला मंडल जलगांववासियो की बहनों ने किया। तेरापंथ महिला मंडल की युवती बहनों ने”कार्यशाला” की थीम सोंग प्रस्तुत किया। कन्या मंडल की कन्याओं ने “सतिवर ज्ञान दो हमें ” गीत की प्रस्तुति दी। श्रीमती शोभा बैद नम्रता सेठिया, नेहा लुणिया व पूजा मालू ने रोचक स्कीट का प्रस्तुति दी। जिसे श्रीमति मंजुषा डोशी ने तैयार किया। धन्यवाद ज्ञापन नम्रता सेठिया ने किया। साध्वीश्री लावण्यप्रभाजी, साध्वीश्री कुंदनयशाजी, साध्वीश्री मुदितप्रभाजी व साध्वीश्री मधुरप्रभाजी ने “संबधो का बंधन पावन ” गीत की भावपूर्ण प्रस्तुति से सबका मन मोहा। राष्ट्रीय परामर्शक श्राविकाओं प्रेमलता जी सिसोदिया ने साध्वीश्री जी के हार्दिक कृतज्ञता प्रकट करते हुए सिंचन के संदर्भ में अपने उद्गार प्रकट किए। राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भाग्यश्री कच्छारा ने अपने भावों की प्रस्तुति देते हुए साध्वीश्री जी के प्रति अहोभाव प्रकट किया। इस कार्यक्रम में खान्देश सभा के अध्यक्ष अनिल जी सांखला ,सभाध्यक्ष माणकचंद जी बैद, मंत्री नवरतनजी ,तेयुप के अध्यक्ष राजेश धाडेंवा आदि ने अपने उद्गार प्रकट किए। राष्ट्रीय ट्रस्टी प्रकाशदेवी तातेड़ की गरिमामय उपस्थिति रही। कार्यशाला का प्रथम सत्र ” 9.30 से 12.15 तक अविरल सफलता पूर्वक संचालित हुआ। द्वितीय सत्र ” संप्रेरणा ” 1.00 से 3.00 तक आयोजित हुआ।
जलगांव तेरापंथ महिला मंडल का अभूतपूर्व आयोजन
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