(बायतू)-धुलिया। आचार्य श्री महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या साध्वीश्री राकेशकुमारी जी आदि ठाणा-4 के पावन सान्निध्य में सुरजमलजी सूर्या के निवास स्थान में गणाधिपति पूज्य गुरुदेव श्री तुलसी का 23 वाँ महाप्रयाण दिवस बड़े उत्साह से आयोजित किया गया। महिला मंडल ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। साध्वीश्री राकेशकुमारी जी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा- मेरे दीक्षा गुरू भाग्य विधाता आचार्य श्री तुलसी अलौकिक विश्व के विभूति थे। कृषि परम्परा को उजागर करने वाले प्रभावशाली आचार्यों की स्वस्थ परम्परा को सुरक्षित रख अध्यात्म विकास के सोपानों पर आरोहण करने वाले दिव्य पुरुष थे। साध्वीश्री ने उनके विशाल – व्यक्तित्व कत्तृर्व एवं यशस्वी जीवन दर्शन पर प्रकाश डालते हुए कहा- असाम्प्रदायिक धर्म के मंत्रदाता ,आध्यात्मिक जीवन मूल्यों के अधिशास्ता आचार्य तुलसी ने धर्म को गुंथों पंथों धर्म स्थानों की चारदिवारी से निकालकर जीवन व्यवहार का अंग बनाने की प्रेरणा दी। समाज राष्ट्र व मानव जाति के लिए जो काम किया वो स्तुत्य व प्रशंसनीय ह। वे सार्वभौम धर्म नेता थे। आचार्य तुलसी का जीवन एक महकता गुलदस्ता था।जिस सौरभ से लाखों लोगों की जीवन सुरभित बना। जीवन भर विश्व क्षितिज पर प्राणी मात्र के कल्याण के लिए व अध्यात्म के परचम फहराते रहे ।आचार्य तुलसी की गौरवमय जीवन गाथा को शब्दों का जामा पहनानें में असमर्थ हूं। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष सुरजमल जी सूर्या ने पूरे जोश के साथ अपने आराध्य को भाव श्रद्धांजलि अर्पित की।तेरापंथ समाज के कर्मठ ऊर्जावान श्रावक नानकरामजी तनेजा ने अध्यक्षता करते हुए अपने भावों को प्रस्तुत कर श्रद्धांजलि अर्पित की। साध्वीश्री विपुलयशा जी ने प्रभावशाली आकर्षित आचार्य तुलसी के जीवन घटनाओं द्वारा उल्लेखित किया। साध्वीश्री जिज्ञासाप्रज्ञा जी ने मधुर संगीत द्वारा वातावरण को तुलसी मय बना दिया। बाव से समागत प्रकाश जी सिंघवी ने साध्वीश्री जी पूरानी की यादास्त करते हुए आचार्य श्री के श्रद्धांजलि अर्पित की। ज्ञानशाला के नन्हे बच्चों ने एक्शन के साथ सोंग के साथ सुन्दर प्रस्तुति प्रस्तुत कर आचार्य श्री तुलसी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। संगीता बेदमुथा ,दिनेश जी सूर्या ने भावाजल्ली अर्पित की। आचार्य तुलसी परम परंपरा की धर्मगुरु थे विचार रखते हुए सभामंत्री विनोद जी घुड़ीयाल ने साध्वीश्री व सभा का आभार ज्ञापन किया। साध्वीश्री मलयविभा जी ने कुशलतापूर्वक मंच का संचालन करते हुए क्रांतिकारी विचारों के धनी राष्ट्रीय संत आचार्य तुलसी को मानवता का मसीहा बताया। और अनेक अवदानों की जानकारी दी। यह जानकारी संगीता सूर्या ने दी।