योग स्वस्थ जीवन की कुंजी : मुनि जीनेश कुमार
बोइसर: महा तपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी के शिष्य मुनि श्री जीनेश कुमार जी थाना दो के सानिध्य में एवं वरिष्ठ प्रेक्षा प्रशिक्षक मिश्रीलाल चौधरी एवं उपासक विकास बोथरा के मार्गदर्शन में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग एवं प्रेक्षा ध्यान कार्यशाला का आयोजन जैन उपाश्रय में जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा एवं तेरापंथ युवक परिषद द्वारा किया गया जिसमें अच्छी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया।
इस अवसर पर योग एवं प्रेक्षा ध्यान पर प्रवचन करते हुए मुनि श्री जीनेश कुमार जी ने कहा योग श्रेष्ठ कलपतरु है । योग दूसरा चिंतामणि है। योग सभी धर्मों में उत्कृष्ट है एवं योग स्वयं सिद्धि को ग्रहण करने वाला है। योग का अर्थ है समाधि योग से शारीरिक मानसिक बौद्धिक और भावनात्मक लाभ प्राप्त होता है। योग के साथ ध्यान साधना हो तो सोने पर सुहागा वाली कहावत चरितार्थ होती है। ध्यान योग का पहला लाभ है- स्वभाव परिवर्तन आचार्य श्री महाप्रज्ञ ने प्रेक्षाध्यान पद्धति का आविष्कार कर युग को महान देन दी है। प्रेक्षा का अर्थ है गहराई से देखना प्रेक्षा ध्यान से चित्र शुद्धि, कर्म निर्जरा ,कसाई उपशम, एकाग्रता, मानसिक निर्मलता, जाता दृष्टि भाव की प्राप्ति होती है ।
मुनि ने आगे कहा आज योग दिवस सभी को ध्यान योग करने की प्रेरणा दे रहा है। योग स्वास्थ्य जीवन की कुंजी है। वरिष्ठ प्रेक्षा प्रशिक्षक मिश्रीमल जी चौधरी ने सभी को योगिक क्रियाएं योगासन, प्राणायाम, प्रेक्षा ध्यान, मंगल भावना संकल्प आदि प्रयोग करते हुए उनके लाभ बताएं। उपासक विकास बोथरा ने भी योगासन आदि में अपना सहयोग प्रदान किया।
जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष दिलीप राठौड़ ने सभी का स्वागत किया अतिथियों का साहित्य से सम्मान किया गया इस अवसर पर आर. एस. एस. के विनोद बाजपेई डॉक्टर प्रसाद पालघर बोइसर श्रावक श्राविका समाज अच्छी संख्या में उपस्थित थे।
योग दिवस पर योग एवं प्रेक्षाध्यान कार्यशाला आयोजित
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