नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर झारखंड के रांची में कहा कि योग आयु, रंग, जाति, संप्रदाय, मत, पंथ, अमीरी-गरीबी, प्रांत, सरहद के भेद से परे है। उन्होंने कहा कि योग अनुशासन है, समर्पण हैं, और इसका पालन पूरे जीवन भर करना होता है। योग सिर्फ तभी नहीं होता जब हम आधा घंटा जमीन या मैट पर होते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि आज हम ये कह सकते हैं कि भारत में योग के प्रति जागरूकता हर कोने तक, हर वर्ग तक पहुंची है। ड्रॉइंग रूम्स से बोर्ड रूम्स तक, शहरों के पार्क्स से लेकर स्पॉर्ट्स कॉम्प्लेक्स तक, गली-कूचों से वेलनेस सेंटर्स तक आज चारों तरफ योग को अनुभव किया जा सकता है।
रांची के प्रभात तारा मैदान में हजारों की संख्या में योग करने आए लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अब मुझे आधुनिक योग की यात्रा शहरों से गांवों की तरफ ले जानी है, गरीब और आदिवासी के घर तक ले जानी है। मुझे योग को गरीब और आदिवासी के जीवन का भी अभिन्न हिस्सा बनाना है। क्योंकि ये गरीब ही है जो बीमारी की वजह से सबसे ज्यादा कष्ट पाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज के बदलते हुए समय में, इलनेस से बचाव के साथ-साथ वेलनेस पर हमारा फोकस होना जरूरी है। यही शक्ति हमें योग से मिलती है, यही भावना योग की है, पुरातन भारतीय दर्शन की है।
बता दें कि पीएम मोदी गुरुवार की रात विशेष विमान से झारखंड की राजधानी रांची पहुंचे। झारखण्ड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री रघुवर दास और वरिष्ठ मंत्री सीपी सिंह ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। आधिकारिक प्रवक्ता ने यहां बताया कि प्रधानमंत्री मोदी नई दिल्ली से विशेष विमान से रात्रि 10 बजकर 20 मिनट पर यहां पहुंचे।