नई दिल्ली:देश भर में सोमवार को एक बार फिर से डॉक्टरों की हड़ताल है। इसके चलते मरीजों को एक बार फिर से भटकना पड़ सकता है। इंडियन मेडिकल असोसिएशन के आह्वान पर करीब 5 लाख डॉक्टरों की हड़ताल है। इस हड़ताल में दिल्ली मेडिकल असोसिएशन से जुड़े 18,000 डॉक्टर भी शामिल हो गए हैं। इसके चलते दिल्ली के सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया जैसे बड़े अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। सीधे तौर पर कहें तो इन अस्पतालों में नए मरीजों का इलाज नहीं होगा। हालांकि एम्स की सेवाएं सुचारू रूप से जारी रहेंगी। देश के इस सबसे बड़े अस्पताल के डॉक्टर हड़ताल से दूर रहेंगे।
इसके अलावा दिल्ली के अन्य अस्पतालों के चिकित्सकों ने पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ हुई हिंसा के विरोध में बंद का फैसला लिया है। शुक्रवार को हुई हड़ताल में सबसे आगे रहे एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर भी इस बार बंद से अलग हैं। सरकारी अस्पतालों के अलावा दिल्ली में प्राइवेट अस्पतालों की सेवाएं भी प्रभावित हो सकती हैं।
हालांकि दिल्ली मेडिकल असोसिएशन ने डॉक्टरों से जरूरी सेवाएं बाधित न करने की अपील की है। दिल्ली मेडिकल असोसिएशन की ओर से रविवार रात को जारी की गई अपील में कहा गया, ‘सभी क्लीनिक्स, नर्सिंग होम्स और अस्पतालों में रूटीन सेवाएं बंद रहेंगी।’ सफदरजंग के डॉक्टरों ने बताया कि आईसीयू, प्रसव केंद्र समेत तमाम इमरजेंसी सेवाएं जारी रहेंगी।
सफदरजंग हॉस्पिटल की रेजिडेंट डॉक्टर्स असोसिएशन के अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने कहा, ‘स्ट्राइक में ओपीडी सेवाएं, इलेक्टिव ऑपरेशन थिअटर और वॉर्ड सेवाएं शामिल रहेंगी।’ सफदरजंग हॉस्पिटल में हर दिन करीब 8,000 मरीजों का इलाज होता है।
देशभर में फिर रहेगी डॉक्टरों की हड़ताल
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