नई दिल्ली:लोकसभा चुनाव के लिए आखिरी चरण का मतदान 19 मई को होना है। 23 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे, लेकिन इससे पहले ही भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, भाकपा नेताओं सुधाकर रेड्डी और डी राजा से मुलाकात की। नायडू शरद यादव से भी मिलेंगे। चंद्रबाबू शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मिले थे।
चंद्रबाबू लखनऊ में बसपा प्रमुख मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी मुलाकात करेंगे। राजनीतिक सूत्रों की मानें तो चंद्रबाबू ने राहुल गांधी से कहा है कि हमें चुनाव नतीजों के लिए रणनीतिक तौर पर तैयार रहना चाहिए। अगर भाजपा बहुमत से चूकती हैं, तो हमें सरकार बनाने के लिए मजबूत दावा पेश करने की तैयारी पहले ही कर लेनी चाहिए।
ममता से फोन पर बात की
चंद्रबाबू ने भाजपा विरोधी मोर्चे के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से फोन बात की। साथ ही माकपा नेता सीताराम येचुरी से भी मुलाकात की। नायडू ने कहा कि इस मोर्चे में तेदेपा अकेली नहीं है। जो भी पार्टी भाजपा के विरोध में हमारे साथ आना चाहती है हम उनका स्वागत करते हैं।
सोनिया ने 23 मई को बुलाई गैर-एनडीए दलों की बैठक
यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने 23 मई को गैर-एनडीए दलों को बैठक के लिए बुलाया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस का मानना है कि भाजपा को इस बार बहुमत नहीं मिलेगा। इसी के मद्देनजर यूपीए प्रमुख ने सेक्युलर पार्टियों के नेताओं को निमंत्रण भेजा है। इनमें शरद पवार, द्रमुक प्रमुख एमके स्टालिन, राजद और टीएमसी के नेता शामिल हैं। इसके लिए कांग्रेस ने चार नेताओं की टीम बनाई है, जिसमें अहमद पटेल, पी.चिदंबरम, गुलाम नबी आजाद और अशोक गहलोत हैं।
543 में 180 सीटों पर क्षेत्रीय दलों का प्रभाव
543 लोकसभा सीटों में 180 पर क्षेत्रीय दलों का प्रभाव है। इस लोकसभा चुनाव में ये पार्टियां कितनी सीटें जीतेंगी, इससे ही इनकी भूमिका तय होगी।
भाजपा विरोधी मोर्चा: राहुल और सीपीआई नेताओं से मिले चंद्रबाबू; माया-अखिलेश से भी मिलेंगे
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