नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने जुलाई में एक नई सरकार की ओर से पूर्ण बजट (2019-20) पेश करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। फिलहाल पूरे देश में होने वाला सात चरणों का लोकसभा चुनाव जारी है। मंत्रालय ने की ओर से विभिन्न उद्योग निकायों और अन्य स्टेक होल्डर्स को विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों पर अपने सुझाव भेजने के लिए कहा है।
उद्योग से जुड़े लोगों ने कहा कि वे कस्टम दरों और प्रत्यक्ष करों में बदलाव की उम्मीद करते हैं क्योंकि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ने ज्यादातर अप्रत्यक्ष करों को बजट के दायरे से हटा दिया है।
इंडस्ट्री के एक वरिष्ठ कार्यकारी ने कहा, ‘हम प्रत्यक्ष कर के मोर्चे पर बहुत सारे बदलावों की उम्मीद करते हैं। यदि मौजूदा सरकार वापस सत्ता में आती है तो वो बदलाव लाएंगे क्योंकि पिछले वर्षों से इसे लेकर उनके ध्यान में ये बातें हैं। वहीं अगर किसी सूरत में कोई नई सरकार आती है, तो उनसे किसी भी बड़े बदलाव की संभावना कम है क्योंकि उनके पास बहुत कम समय होगा। नवंबर से, उन्हें अगले वित्त वर्ष के बजट के लिए तैयारी शुरू करनी होगी।’
वित्त मंत्रालय ने 10 मई, 2019 तक उद्योगों से सुझाव मांगे हैं। फिक्की, सीआईआई और एसोचैम जैसे प्रमुख उद्योग निकाय फिलहाल मंत्रालय को सुझाव भेजने से पहले अपने सदस्यों से प्राप्त सुझावों को इकट्ठा कर रहे हैं।