कालबादेवी। शासन श्री साध्वी कैलाशवतीजी के सानिध्य में मंत्री मुनिप्रवर श्री सुमेरमलजी स्वामी की स्मृति सभा का आयोजन महाप्रज्ञ पब्लिक स्कूल में रखा गया। शासन श्री साध्वी कैलाशवतीजी ने फरमाया मंत्रीप्रवर का जीवन पूर्णिमा की चांदनी से भी अधिक उज्जवल व निर्मल था । तेरापंथ धर्म संघ की गरिमा बढ़ाने वाले दो विशेष पुरुष हुए, जिन्होंने मंत्री पद को सुशोभित किया । आचार्य श्री तुलसी युग के मंत्री थे -मुनी मगनलालजी स्वामी और आचार्य श्री महाश्रमण जी के युग के मंत्री मुनि सुमेरमलजी रहे । श्रद्धा, सेवा, संस्कारों का निर्माण करने में कुशल निर्माता थे । आप की प्रवचन शैली बेजोड़ थी । आप तीन तीन आचार्यो के कृपा पात्र रहे । आपके पास पत्थर को तराशने की अद्भुत कला थी। आप छोटे संतो के प्रिय कहलाते थे । आपके भीतर वात्सल्य का सागर लहराता था ।
साध्वी पंकजश्री जी ने कहा – मंत्री मुनि सुमेरमल जी लाडनू के थे। लाडनूं शहर हीरो की नगरी नहीं, हीरो की खान है । आप छोटी वय मे गुरु तुलसी से संयम रत्न प्राप्त कर प्रगति के राहों पर चलने लगे। आप महान तत्वज्ञ तो थे ही, ज्योतिष विद्या के प्रकांड ज्ञाता थे । जय तिथि पत्रक के रचयिता थे मुनि सुमेरमल जी स्वामी । आपकी संघनिष्ठा, सेवा, समर्पण बेजोड़ था । ऋद्धिया सिद्धियां आपके श्री चरणो में रहती थी । शासन स्तंभ अलंकरण आपको पाकर सद्गुणित आभा बिखेरने लगा । जो भी व्यक्ति आप का मंगल पाठ सुन लेता वह निहाल हो जाता । आपने मृत्यु मृत्यु का वरण भी लगता है दिन देखकर किया है जो अक्षय तृतीया का दिन स्वीकार किया । अनंत श्रद्धांजलि अर्पित करती हुई कहती हूं कि आपकी आत्मा अतिशीघ्र अक्षय सुखों को प्राप्त करें। साध्वी ललिताश्री जी एवं साध्वी सन्यक्त्वयशा जी ने अपने विचार रखे । तेरापंथ मुंबई सभा के उपाध्यक्ष गणपत जी डागलिया ने जयपुर के दृश्य को चलचित्र की तरह प्रस्तुत किया । अणुव्रत समिति के उपाध्यक्ष दिनेश धाकड़ ने गीतिका के द्वारा लोगों की आंखों में अश्रु धारा बहा दी । उपासक पुष्पेंद्र जी कावड़िया, सुरेश निमजा, आचार्य महाप्रज्ञ विद्यानिधी फाउंडेशन के अध्यक्ष किशनलाल जी डागलिया ने कहा मुनिश्री अनुशासन प्रिय संत थे । मुंबई मंत्री श्वेता सुराणा ने मौन श्रद्धांजलि अर्पित की । दक्षिण मुंबई संयोजिका गुंजन सुराणा ने अपने भावों से अभिव्यक्ति दी । शर्मिला धाकड़, मल्लिका बहन, आर्यन निमजा, चंपालाल डागा, विजया बैंद, मांगी देवी ढेलरीया, मांगीलाल धाकड़, बंसीलाल धाकड़ ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए । कार्यक्रम का संचालन करते हुए साध्वी शारदाप्रज्ञा जी ने कहा तेरापंथ दिग्दर्शन के इतिहास पुरुष आज तेरापंथ के इतिहास में अंकित हो गए । दो दिन तक दोपहर 2:00 बजे नमस्कार महामंत्र का जाप किया गया । लोगस्स का जाप करते हुए इस मंत्र का जाप किया गया“ मंत्री मुनि का स्मरण करु, आत्मा में रमण करूं” । साध्वी पंकजश्री जी ने मधुर स्वरों में “शासन स्तंभ को वंदन करते शत-शत बार” गीतिका प्रस्तुत की ।
इस अवसर पर आचार्य महाप्रज्ञ विद्या निधि फाउंडेशन के अध्यक्ष किशनलाल डागलिया,तेरापंथी सभा मुंबई के उपाध्यक्ष गणपत डागलिया,सह प्रचार मंत्री नितेश धाकड़ ,अणुव्रत समिति मुंबई के उपाध्यक्ष दिनेश धाकड़,वरिष्ठ श्रावक चंदनमल बैद,तेरापंथ युवक परिषद दक्षिण मुम्बई एवं ज्ञानशाला संयोजक अशोक बरलोटा आदि उपस्थित थे ।
यह जानकारी तेयुप दक्षिण मुंबई के मीडिया प्रभारी नितेश धाकड़ ने दी।
कालबादेवी में मुनिप्रवर श्री सुमेरमलजी स्वामी की स्मृति सभा का आयोजन
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