अजित खरे।।
उत्तर प्रदेश की सियासत में रविवार का दिन विपक्षी राजनीति के लिए खासा अहम रहा। पहली बार दो ताकतवर क्षेत्रीय पार्टियों ने संयुक्त रैली कर दो राष्ट्रीय पार्टियों को आम चुनाव में परास्त करने का ऐलान किया है। बसपा प्रमुख मायावती ने 25 साल बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष के साथ मंच साझा किया और मिल कर भाजपा कांग्रेस को निशाने पर लिया। सपा-बसपा गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल को लेकर इस लड़ाई को और धार दी गई है।
सपा, बसपा और रालोद इन दलों के संयुक्त चुनाव अभियान का आगाज सहारनपुर के देवबंद से किया गया। सोची समझी रणनीति के तहत गठबंधन के नेताओं ने जितना भाजपा को निशाने पर लिया उससे कहीं ज्यादा यह लोग कांग्रेस पर बरसे। जाहिर है कि यह पश्चिमी यूपी के मुस्लिम मतदाताओं को कांग्रेस की ओर मोड़ने से रोकने के लिए है।
गठबंधन के तीनों दल इस वक्त तो पूरी ईमानदारी व मेहनत से एक दूसरे को मजबूती देने में लगे हैं। सपा बसपा ने सोची समझी रणनीति के तहत अपना पूरा फोकस दलित पिछड़ा व मुस्लिम समीकरण को साधने में लगा दिया है। सहारनपुर की रैली भीड़, नेताओं की एकजुटता व तेवर के लिहाज से खासी प्रभावी रही।
1993 में लखनऊ में की थी संयुक्त रैली
25 साल पहले बसपा प्रमुख कांशीराम ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से हाथ मिलाया था। कांशीराम व मुलायम ने बेगम हजरत महल पार्क में संयुक्त रैली की थी और 1993 के विधानसभा चुनाव में जीत के लिए नया जातीय समीकरण मिला। उस समय प्रदेश में बाबरी विध्वंस के बाद सियासी माहौल गरमाया हुआ था। भाजपा अपने पक्ष में बने माहौल को भुना कर सत्ता में आने की तैयारी में थी। पर जातीय समीकरणों का संयोग सपा बसपा के हक में ऐसा बैठा कि बसपा के सहयोग से मुलायम मुख्यमंत्री बने।
मैनपुरी में मायावती और मुलायम साथ-साथ होंगे
गठबंधन का सबसे दिलचस्प नजारा 19 अप्रैल की मैनपुरी में दिखेगा। जब सपा संरक्षक मुलायम को जिताने की अपील मायावती खुद करेंगी और मंच मुलायम, मायावती, अखिलेश व अन्य नेता एक साथ चुनावी जंग की हुंकार भरेंगे।
कितनी दूर चलेगी दोस्ती
यह दोस्ती कितनी लंबी चलेगी। गठबंधन के नेता इसकी मियाद लंबी और दूर तक बताते हैं। इसे अगले विधानसभा चुनाव और अगले लोकसभा चुनाव से भी जोड़ा जा रहा है लेकिन दोस्ती का भविष्य इसी चुनाव नतीजों पर भी बहुत कुछ निर्भर करेगा। चुनाव नतीजों में अगर किसी को बहुमत नहीं मिला तो क्षेत्रीय दलों की सरकार गठन में अहम भूमिका होगी।
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