मां दुर्गा की आराधना का पर्व नवरात्र 06 अप्रैल से शुरू होंगे। सीतापुर रोड स्थित विध्यांचल देवी मन्दिर के ज्योतिषी आनन्द दुबे ने बताया कि 6 अप्रैल को सुबह 6 बजे से 9 बजे के बीच कलश स्थापना की जा सकती है। कलश स्थापना का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:35 से दोपहर 12:24 तक रहेगा। इस समय अश्विनी नक्षत्र और शुभ योग रहेगा। इस सर्वोंत्तम योग के साथ ही एक उत्तम योग स्थित लग्न वृषभ का सुबह 7:49 से सुबह 9:45 मिनट तक है।
इस बाबत शहर के सभी मंदिरों में तैयारियां हो गई हैं। प्रमुख मंदिरों के साथ कैसरबाग के काली बाड़ी मन्दिर, शास्त्रीनगर के दुर्गा मन्दिर, हुसैनगंज के भुइयन देवी मन्दिर, योगीनगर त्रिवेणीनगर के दुर्गा मन्दिर, सीतापुर रोड के विंध्यांचल देवी मन्दिर, सहित अन्य मन्दिरों में चैत्र नवरात्र तैयारियां चल रही हैं। नवमी और दशमी का मान एक ही दिन रहेगा। रामनवमी 14 अप्रैल के बजाए कर्क लग्न के कारण 13 अप्रैल को ही मनायी जाएगी। नवमी 13 अप्रैल को सुबह 8:16 से लग जाएगी जो कि 14 अप्रैल को सुबह 6 बजे तक रहेगी। 13 को सूर्योदय के बाद नवमी लग रही है पर उस दिन नवमी और कर्क लग्न का मेल हो रहा है इसलिए राम जन्म के काल का मिलन करते हुए रामनवमी 13 अप्रैल को मनाना उचित होगा।
मौसमगंज डालीगंज के मानस मन्दिर में नवरात्र उत्सव मनाया जायेगा। समिति के अध्यक्ष घनश्याम अग्रवाल ने बताया कि 8 अप्रैल को माता की चौकी होगी। मां का गुणगान राकेश लक्खा द्वारा किया जायेगा। उसके बाद 12 को श्रीराम चरित मानस अखण्ड पाठ शुरू होगा और 13 को पाठ के समापन के बाद भण्डारा शुरू होगा। शहर के अन्य सभी मंदिरों में भी इस पर्व की तैयारियां की जा रही हैं।
चौपटिया के संदोहन देवी मंदिर के संयोजक सुशील कुमार गुप्ता ने बताया कि 6 को सुंदरकांड, 7 को गायत्री हवन, 9 को सुंदरकांड, 11 को गायत्री हवन, 12 को महिला संगीत, 13 को छप्पन भोग, 14 को कन्या भोज होगा। 15 को माता संदोहन के चरण दर्शन करवाये जाएंगे। सुबह 7:30 और रात को 10 बजे आरती होगी। मंदिर में शिव दरबार, बालाजी और संकटा देवी के मंदिर भी नवरात्र से शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है।
चौपटिया के बड़ा शिवालय स्थित माता संकटा देवी मन्दिर में नवरात्र की तैयारियां शुरु हो गई है। मंदिर समिति के संरक्षक सुरेश चन्द्र पाण्डेय ने बताया कि संकटा देवी का वहां रूप मूल रूप प्रज्ञा देवी का है जो कि कश्मीरियों की कुलदेवी हैं। मंदिर के कपाट सुबह 4:30 बजे खुल जाएंगे। वहां सुबह 8 बजे और रात में 10 बजे आरती नौ दीयों से आरती की जाएगी। नवरात्र में माता को मालपुआ, हलुआ, गुलगुला, फलाहार का भोग लगेगा।
चौक स्थित बड़ी कालीजी मंदिर समिति के मंत्री रामनाथ खन्ना ने बताया कि मंदिर के पट नवरात्र में सुबह चार बजे खुल जाएंगे। आरती सुबह 6 और रात में 10 बजे होगी। नवरात्र के दौरान वहां खासतौर से 9 बाती वाली आरती की जाएगी। मंदिर के लिए मथुरा से 35 धर्म ध्वजाएं आई हैं। जिसमें सबसे ऊंची 11 मीटर लम्बी ध्वजा मन्दिर के शिखर पर फहराई जायेगी। श्रद्धालु 13 और 14 अप्रैल को अष्टधातु प्रतिमा के दर्शन करेंगे।
हिन्दू नववर्ष के साथ ही 6 अप्रैल से चैत्र नवरात्र प्रारम्भ होंगे। नवरात्र को लेकर राजधानी के चौक के बड़ी काली जी मन्दिर और छोटी कालीजी मन्दिर समेत अन्य देवी मन्दिरों में तैयारियां तेजी से चल रही है। चौक के बड़ी काली जी व छोटी काली जी मन्दिर में प्रतिदिन मेवे से शृंगार होगा और अष्टमी के दिन सामूहिक हवन होगा। दोनों मन्दिरों के पास मेला लगेगा। मन्दिर में इन दिनों रंगाई-पुताई का कार्य चल रहा है।