पंकज श्रीवास्तव/पटना. भाजपा के फायर-ब्रांड नेता गिरिराज सिंह चुनावी समर में अपने विरोधियों के निशाने पर हैं। दरअसल बिहार सरकार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा जो फिलहाल आर्म्स एक्ट के एक मामले में जमानत पर बाहर हैं। वो इनके चुनावी मंच पर दिखीं।
बताते चलें बिहार का लोकसभा क्षेत्र बेगूसराय भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सीट बना हुआ है। यहाँ से भाजपा के फायर-ब्रांड नेता और केंद्रीयमंत्री गिरिराज सिंह खडे हैं। वही उनके विरोध में वामपंथी कन्हैया। कन्हैया को सबल देने के लिए देश भर के बुद्धिजीवी और मोदी विरोधी लोगों का बेगूसराय में आना शुरु हो गया है। उन्हें घेरने के लिए भाजपा हर उस हथियार का इस्तेमाल कर रही है। जो उसके पास मौजूद है। भाजपा मीडिया सेल गुजरात से आये उनके मित्र जिग्नेश मेवाणी को बिहारियों का कातिल और प्रताडित करने वाला बता रहा है। उन्हें जेएनयू में देश विरोधी नारा लगाने वाला, पाकिस्तान के पैसे पर चुनाव लड़ने वाला, वामपंथी नेता अजीत सरकार के हत्यारे पप्पू यादव से समझौता करने वाला बता रहा है।
पाठकों को बताते चलें बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म मामले में पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा का कथित तौर पर नाम आया। चौतरफा दबाव के बाद मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। सीबीआइ ने जब 17 अगस्त 2018 को मंजू वर्मा के बेगूसराय आवास पर छापा मारा तो वहाँ से अवैध हथियार के साथ 50 जिंदा कारतूस बरामद किया गया। जाँच के दायरे में खुद को आता देख वो एक लम्बे समय तक भूमिगत रही । सुप्रीम कोर्ट की तीखे तेवर के बाद पूर्व मंत्री मंजू वर्मा ने 29 अक्टूबर को कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था।
गिरिराज सिंह की मुश्किल,उनके पहले जनसभा में ही जमानत पर बाहर आयी मंजू वर्मा दिखीं
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